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देहरादून में ऊर्जा निगम की लापरवाही ने ली लाइनमैन की जान

सहस्त्रधारा में बिजली का काम कर रहे एक बिजलीकर्मी की करंट लगने से मौत हो गई। एसओ राजपुर राकेश शाह ने बताया कि सोमवार सुबह सिटी कंट्रोल रूम से थाना राजपुर को सूचना मिली कि सहस्त्रधारा हेलीपैड के पास एक व्यक्ति को करंट लग गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 09:32 PM (IST)
करंट लगने से बिजलीकर्मी की मौत, पोल पर लाइन ठीक करने के दौरान हुआ हादसा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सहस्रधारा हेलीपेड के पास फाल्ट को ठीक करने के लिए पोल पर चढ़े लाइनमैन की करंट लगने से मौत हो गई। लाइन ठीक करने के लिए पूर्व में ही शटडाउन लिया गया था, मगर लाइन में करंट दौड़ता रहा। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने घटना की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। 

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सोमवार सुबह करीब छह बजे 11 केवी नागल फीडर पर अर्थ फाल्ट के कारण ट्रिपिंग हुई थी। कुछ मिनटों में फाल्ट को ठीक कर दिया गया, लेकिन लाइन दोबारा ट्रिप हो गई। सुबह 6:20 बजे दोबारा बिजली बहाल करने की कोशिश की गई, मगर बात नहीं बन पाई। इस पर फीडर को ब्रेकडाउन पर डाल दिया गया। 

सुबह पौने 10 बजे ठेकेदार के माध्यम से तैनात लाइनमैन ऋषिपाल निवासी सहारनपुर ने लाइन को ठीक करने के लिए शटडाउन लिया। ऋषिपाल फाल्ट को ठीक करने के लिए पोल पर चढ़े, लेकिन उसी समय लाइन पर बैक करंट आ गया, जिसके कारण करंट लगने से वह बेसुध हो गए। अवर अभियंता दीपक चंदोला व विजय सिंह ने ऋषिपाल को पोल से उतारा और कोरोनेशन अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल (ग्रामीण) अमित शर्मा, उपखंड अधिकारी आइटी पार्क प्रदीप चौधरी घटनास्थल पर पहुंचे। यूपीसीएल की ओर से दुर्घटना की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया गया है। 

यूपीसीएल ने ये बताया कारण 

यूपीसीएल की ओर से प्रथम दृष्टया रिपोर्ट में दुर्घटना वाले स्थान पर किसी हवाई करंट, किसी उपभोक्ता के घर से बैक करंट या रात भर आंधी व बरसात के कारण लाइन पर बनी हुई नमी के कारण हादसे का अंदेशा जताया जा रहा है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि लाइन से कोई सोलर प्लांट का कनेक्शन जुड़ा हो, जिससे बैक करंट आया।

स्वजनों ने शव ले जाने से किया इन्कार

घटना के कुछ ही देर में मृतक  के स्वजन देहरादून पहुंच गए और उन्होंने घटना के लिए यूपीसीएल को जिम्मेदार बताते हुए शव लेने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक मुआवजा नहीं दिया जाता, वह नहीं उठेंगे। आइटी पार्क के चौकी इंचार्ज ताजवर सिंह नेगी ने बताया कि काफी देर बाद मृतक के स्वजनों को समझाया गया और स्वजनों को दाह संस्कार के लिए 80 हजार रुपये दिए गए। इसके बाद मामला शांत हुआ। 

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