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वासंती बयार में सियासी गुलाल

देवभूमि की फिजां में गुलाबी ठंडक है। फाल्गुनी रंग भी बिखर रहे मगर मौसम के रुख में अचानक आई तब्दीली से रंगपंचमी पर इसके रुख को लेकर असमंजस भी बना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Mar 2019 03:02 AM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2019 03:02 AM (IST)
वासंती बयार में सियासी गुलाल
वासंती बयार में सियासी गुलाल

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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देवभूमि की फिजां में गुलाबी ठंडक है। फाल्गुनी रंग भी बिखर रहे, मगर मौसम के रुख में अचानक आई तब्दीली से रंगपंचमी पर इसके रुख को लेकर असमंजस भी बना है। यहां के सियासी वातावरण की तस्वीर भी कुछ-कुछ ऐसी ही है। मौसम की तरह प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों के लिए प्रमुख सियासी दलों के प्रत्याशियों के टिकट को लेकर असमंजस है तो उत्सुकता भी बनी हुई है। ऐसे में रंगपंचमी पर सियासी गुलाल तो जरूर उड़ेगा, मगर ठंडाई का वैसा सुरूर कहां रहेगा, जो टिकट मिलने पर होता। जाहिर है कि इस सबके बीच दावेदारों के साथ ही समर्थकों में टिकट की चिंता का रंग भी घुलेगा। यह तो तय है।

होली पर मौसम की तरह राजनीति के रंग भी खूब बदल रहे हैं। अब देखिये न, मौका होली का है, लेकिन रंगपंचमी से पहले होलिका दहन के दिन सुबह मौसम ने अचानक रंग बदल दिया। बदरा उमड़े और कहीं बूंदाबांदी तो कहीं फुहारों के साथ ही ओले भी गिरे। चोटियों पर बर्फबारी भी हुई। ऐसे में दुल्हैंडी यानी रंगपंचमी पर मौसम के रुख को लेकर असमंजस भी बना है।

ठीक इसी तरह सियासत के रंग भी नजर आ रहे हैं। होली पर सियासी रंग घोलने को आतुर संभावित दावेदारों और उनके समर्थकों के बीच टिकट को लेकर असमंजस बना है तो उत्सुकता भी बरकरार है। असल में यहां की सियायत की दोनों प्रमुख धुरियों भाजपा व कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नाम तो फाइनल कर लिए हैं, मगर अभी एलान नहीं किया है। ऐसे में उत्सुकता बनी हुई है, कौन सियासी समर में उतरेगा और कौन नहीं।

इसे लेकर भाजपा व कांग्रेस के पार्टी मुख्यालयों में दिनभर फोन घनघनाते रहे तो समर्थकों की ओर से दिल्ली भी फोन कर जानकारी ली जाती रही। सभी जगह से प्रत्याशियों का जल्द एलान होने की बात तो कही जाती रही, मगर देर शाम तक किसी ने भी अपने पत्ते नहीं खोलने की जहमत नहीं उठाई।

परिणामस्वरूप धुकधुकी में और इजाफा हो गया। समर्थकों की जुबां पर तो यह बात भी थी कि प्रत्याशियों के एलान में देरी ने होली का मजा ही किरकिरा हो जाएगा। साफ है कि गुरुवार को होली पर सियासी फिजां में गुलाल तो उड़ेगा, मगर इसके बीच टिकट की चिंता का रंग भी घुलता रहेगा। साफ है कि गुरुवार को रंगपंचमी पर मौसम कैसा रहेगा, यह तो साफ हो जाएगा। अलबत्ता, सियासतदां के टिकट को लेकर तस्वीर कब साफ होगी, इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा।


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