रुड़की: शादी की रस्म देख रहे थे बच्चे और महिलाएं, छज्जा गिरने से आठ हुए घायल; हादसे के बाद मौके पर मची अफरातफरी
परिवार के लोग बुधवार शाम को होने वाली रिसेप्शन पार्टी की तैयारियों में लगे थे। वहीं दूल्हे के घर में चल रही शादी की रस्में देखने के लिए कुछ महिलाएं और बच्चे उनके पड़ोसी हरीश कश्यप के पुराने मकान के छज्जे पर बैठ गए।
जागरण संवाददाता, रुड़की: शादी की रस्म देख रही महिलाएं और बच्चे छज्जा गिरने से घायल हो गए। हादसे को लेकर मौके पर अफरातफरी मच गई। गनीमत यह रही कि किसी को हादसे में अधिक चोट नहीं आई। रुड़की के पश्चिमी अंबर तालाब निवासी एक युवक की मंगलवार को बरात गई थी। बरात के वापस आने पर दूल्हा-दुल्हन के साथ होने वाली रस्में घर में चल रही थी।
परिवार के लोग बुधवार शाम को होने वाली रिसेप्शन पार्टी की तैयारियों में लगे थे। वहीं दूल्हे के घर में चल रही शादी की रस्में देखने के लिए कुछ महिलाएं और बच्चे उनके पड़ोसी हरीश कश्यप के पुराने मकान के छज्जे पर बैठ गए। मकान पुराना होने की वजह से छज्जा अचानक अधिक वजन के कारण भरभराकर गिर पड़ा। छज्जे के साथ ही महिलाएं और बच्चे भी गिर पड़े। एकाएक हुए हादसे को लेकर मौके पर अफरातफरी मच गई। हादसे में उषा, रिचा, रूपा, गुड्डन, बबीता, मनीषा, वारिस और काका घायल हुए। हादसे के बाद सभी घायलों को आननफानन में अस्पताल ले जाया गया। वहीं हादसे की जानकारी मिलने पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष अरङ्क्षवद कश्यप भी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।
माकड्रिल के जरिये बच्चों को सिखाया आग बुझाना
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 में अग्नि सुरक्षा को लेकर माकड्रिल का आयोजन किया गया। बीईजी एंड सेंटर की फायर सेफ्टी यूनिट ने छात्र-छात्राओं को आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया। छात्रों को बताया गया कि आग से कैसे स्वयं को सुरक्षित रखते हुए उस पर काबू पाया जा सकता है। बीईजी एंड सेंटर के फायर सेफ्टी यूनिट से आए अधिकारियों ने बताया कि आग को पांच कैटेगरी में बांटा जा सकता है। जिसमें टाइप ए, बी, सी, डी और ई हैं। इसके अंतर्गत कपड़े एवं लकड़ी, एलपीजी सिलिंडर, पेट्रोल-डीजल एवं विद्युत शार्ट सर्किट से लगने वाली आग आती है।
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इन्हें बुझाने में इस्तेमाल होने वाले अग्निशमन यंत्र भी अलग-अलग तरह से इस्तेमाल होते हैं। जैसे: कार्बन डाइ आक्साइड आधारित यंत्र, फोम आधारित यंत्र, रसायन आधारित यंत्र, रेत एवं पानी आदि शामिल हैं। उन्होंने बच्चों को आग बुझाने के तरीके बताए। प्राचार्य वीके त्यागी ने बताया कि आग से बचाव को लेकर प्रशिक्षण जरूरी है। आग कहीं भी और कभी भी लग सकती है। आग पर यदि शुरुआत में काबू पा लिया जाए तो उससे हानि नहीं होती है। लेकिन, यदि आग भड़क जाए तो उस पर काबू पाना आसान नहीं होता। इस मौके पर पूनम, कपिल देव, विवेक कौशिक, अलका अग्रवाल, प्रभाकर शर्मा, सुशील कुमार एवं हरिनंद उपस्थित रहे।
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