सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार है शिक्षा: प्रो. लाल बहादुर वर्मा
मानव समाज के तमाम अविष्कारों में से सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार शिक्षा है, यह बात इलाहाबाद विवि के सेवानिवृत शिक्षक डॉ. लाल बहादुर वर्मा ने कही।
जागरण संवाददाता, देहरादून: मानव समाज के तमाम अविष्कारों में से सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार शिक्षा है। लेकिन, क्या सचमुच इस अविष्कार का सही इस्तेमाल हो रहा है, इस पर चिंतन की जरूरत है। यह बात इलाहाबाद विवि से सेवानिवृत्त और चिंतक प्रोफेसर लाल बहादुर वर्मा ने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से आयोजित संगोष्ठी में शिक्षकों से संवाद करते हुए कही।
टीचर लर्निग सेंटर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ईसी रोड स्थित केंद्र में रविवार को संवाद का आयोजन किया गया। प्रो. लाल बहादुर वर्मा ने कहा कि अगस्त के महीने को हम स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए याद करते हैं। लेकिन, इस अगस्त में मानव इतिहास का सबसे बड़ा पाप भी हुआ, हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए गए। उस पाप के भागीदार हम सब हैं। कहा कि सकारात्मकता को बढ़ाना और नकारात्मकता को घटाना ही शिक्षक होना है। इस ओर शिक्षकों का ध्यान जाना चाहिए। इतिहास किसी समाज समुदाय की सामूहिक स्मृति है। इतिहास की बड़ी समस्या यह है कि यह निश्चयात्मक भाषा में लिखा जाता है, जिससे यही लगता है कि वही पूरा सच है। फेक न्यूज की तरह फेक हिस्ट्री भी होती है। इसे समझना होगा। सबको इतिहास लिखने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। सरकारें बदलती हैं तो इतिहासकार बदल जाते हैं, आखिर क्यों? इतिहास पढ़ने से पहले इतिहासकार को जानना चाहिए। इस अवसर पर शिक्षक सतीश घिल्डियाल की ओर से बातचीत का संदर्भ रखा गया और प्रो. लाल बहादुर वर्मा के व्यक्तित्व का परिचय दिया गया। शिक्षकों ने इस अवसर पर प्रोफेसर वर्मा से बातचीत और सवाल भी किए। इस मौके पर राकेश जुगरान, राजीव पाथरी, ऋतु आर्या, विजय भट्ट, शाति उनियाल, काफिला बानो, अनामिका सहित अन्य शिक्षक शामिल हुए।