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शिक्षा विभाग ने कसा निजी स्कूलों पर शिकंजा

शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की जांच के लिए ब्लॉक स्तर पर स्थायी समितियों का गठन किया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 05:20 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 05:20 PM (IST)
शिक्षा विभाग ने कसा निजी स्कूलों पर शिकंजा
शिक्षा विभाग ने कसा निजी स्कूलों पर शिकंजा

देहरादून, [जेएनएन]: शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। स्कूलों की जांच के लिए ब्लॉक स्तर पर स्थायी समितियों का गठन किया गया है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने इस बावत आदेश जारी किए हैं। ये समितियां कई पहलुओं पर सीबीएसई स्कूलों की जांच करेगी। इसमें एनसीईआरटी की किताबों से लेकर मान्यता तक की जांच होगी। 

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इन समिति में खंड शिक्षाधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे। जबकि उप शिक्षाधिकारी व ब्लॉक मुख्यालय के इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सदस्य होंगे। यह समिति स्कूल ने एनसीईआरटी की किताबें लागू की या नहीं, इनसे अलग किताबें लागू की हैं तो उनका मूल्य एनसीईआरटी की किताबों के समान है, या अधिक, किताबों की सूचना वेबसाइट पर प्रदर्शित की या नहीं, अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए दिए गए शपथ पत्र की शर्तों का अनुपालन किया जा रहा या नहीं, अभिभावकों से लिए जा रहे शुल्क का विवरण स्कूल वेबसाइट पर है या नहीं, वेबसाइट बनी या नहीं, विद्यालय मान्यता प्राप्त है या नहीं, शिक्षक प्रशिक्षित हैं या नहीं, कॉशन मनी ली जा रही है या नहीं व टीसी निर्गत करते वक्त वापस की जा रही है या नहीं और क्या पुन: प्रवेश शुल्क व विकास शुल्क लिया जा रहा है, इसकी जांच करेगी।

इन पहलू की भी होगी जांच 

- सीबीएसई द्वारा निर्धारित मानकों का अनुपालन। 

- विद्यालय की सोसायटी का समय-समय पर नवीनीकरण। 

- प्रबंध समिति में शिक्षा निदेशक द्वारा नामित सदस्य। 

- दस प्रतिशत स्थान एससी-एसटी के मेधावी छात्रों के लिए आरक्षित। 

- शिक्षण व शिक्षणेत्तर कर्मियों को वेतनमान व अन्य भत्ते राजकीय सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के कर्मचारियों को अनुमन्य वेतनमान से कम न हो। 

- कार्यरत कर्मचारियों की सेवा शर्तों व सेवानिवृत्त लाभ देयता की स्थिति। 

सात उप शिक्षाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा 

शिक्षा विभाग ने सात उप शिक्षाधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है। यह कार्रवाई मासिक आकलन परीक्षा का परिणाम समय पर निदेशालय को उपलब्ध न कराने पर की गई है। अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वीएस रावत ने इस बावत जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। 

दरअसल, निदेशालय ने बीती 21 अगस्त को एक पत्र जारी किया था। जिसमें अगस्त की मासिक परीक्षा का परिणाम ई-मेल के माध्यम से अनिवार्य रूप से छह सितंबर तक निदेशालय को उपलब्ध कराने को कहा गया था। जिसमें कुछ जनपदों से परिणाम अब तक नहीं भेजे गए हैं। इनमें पौड़ी से थैलीसैंण, उत्तरकाशी से मोरी व चिन्यालीसौड़, पिथौरागढ से गंगोलीहाट, ऊधमसिंहनगर से बाजपुर, टिहरी से देवप्रयाग व हरिद्वार से लक्सर ब्लाक का रिजल्ट शामिल है। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह उप शिक्षाधिकारियों से विलंब का औचित्य स्पष्ट करते हुए उनका स्पष्टीकरण लें। इसे निदेशालय को उपलब्ध कराएं।

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