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उत्तराखंड में आर्थिक गतिविधियों ने दोबारा गति पकड़ी, सरकार ने दी कई रियायतें

सीएम रावत ने कहा उत्तराखंड की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से कोशिश कर रही है। आर्थिक गतिविधियां दोबारा शुरू होने पर सरकार ने कई तरह की रियायतें दीं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 06:22 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:22 PM (IST)
उत्तराखंड में आर्थिक गतिविधियों ने दोबारा गति पकड़ी, सरकार ने दी कई रियायतें

देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से कोशिश कर रही है। आर्थिक गतिविधियां दोबारा शुरू होने पर सरकार ने कई तरह की रियायतें दीं। राज्य में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई। वहीं, इंदुकुमार पांडेय की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे दी है। राज्य में उद्यमियों की सुविधा के लिए उद्योग के संचालन की अनुमति के लिए एकल खिड़की की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के माध्यम से उद्योगों को संचालन की अनुमति दी गई है। 

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लॉकडाउन की अवधि में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली इकाइयों को बंदी से मुक्त रखा गया था। राज्य में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अंतर्गत औद्योगिक गतिविधियां शुरू की गई हैं। हजारों उद्योगों को संचालन के लिए अनुमति दी गई है। इनमें से बहुत सी इकाइयों ने काम शुरू कर दिया है। उद्योगों को तमाम तरह की सहूलियतें दी गई हैं।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति की अवधि को एक वर्ष का विस्तार दिया गया, जिस पर कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा। औद्योगिक और वाणिज्यिक श्रेणी के उपभोक्ताओं से मार्च 2020 से मई 2020 तक की गई बिजली खपत के सापेक्ष फिक्सड और डिमांड चार्ज की वसूली स्थगित की गई। विलंब भुगतान अधिभार से छूट दी गई। रोड टैक्स में तीन माह की छूट दी गई।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय में पंजीकृत 2.25 लाख गाइड, राफ्टर, पोर्टर और परिवहन विभाग में पंजीकृत 25 हजार ऑटो, ई-रिक्शा संचालकों को एकमुश्त एक-एक हजार रुपए दिए जाने का फैसला लिया गया। इससे सरकार पर 25 करोड़ का भार पड़ेगा। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और पं. दीनदयाल उपाध्याय होम-स्टे योजना में ऋण लेने वालों को अप्रैल से जून माह तक ब्याज पर छूट दी गई है। 

अपना काम शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जो प्रवासी उत्तराखंड लौट कर आए हैं, राज्य सरकार को उनके रोजगार की भी चिंता है। राज्य में लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को कुल 110 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दी गई है। इसमें निर्माण और सेवा क्षेत्र में अपना काम करने के लिए ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसी तरह और भी अनेक योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए एमएसएमई के तहत बनाई गई है। योजना में विनिर्माण में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में 10 लाख तक की लागत की परियोजना पर स्वरोजगार के लिए ऋण ले सकेंगे। इसमें 25 प्रतिशत तक अनुदान की व्यवस्था है। मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी। अन्य विभागों में संचालित स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लाते हुए युवाओं को लाभ दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेरी विकास में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। डेरी विकास विभाग में राष्ट्रीय सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत डेरी क्षेत्र के लिए कुल 444.62 करोड़ रुपए स्वीकृत हैं। इसके तहत लगभग 5400 लाभार्थियों को 20 हजार दुधारू पशु खरीदे जाएंगे। 

गरीबों को राशन के वितरण की व्यवस्था

उत्तराखंड लौटे प्रवासियों के लिए राशन की व्यवस्था की गई है। ऐसे लोग जिनके पास किसी भी राज्य का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का कार्ड है, उनको वन नेशन वन कार्ड योजना के अंतर्गत सफेद और गुलाबी कार्ड की तरह लाभ दिया गया। ऐसे लोग जिनके पास कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 'आत्मनिर्भर भारत योजना' के तहत प्रति यूनिट पांच किलोग्राम चावल और एक किलोग्राम दाल का नि:शुल्क लाभ दिया गया।

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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य के 61.94 लाख व्यक्तियों को अप्रैल, मई और जून माह का खाद्यान्न दिया गया है। इसमें प्रति माह प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल और प्रति परिवार एक किलो दाल नि:शुल्क वितरित की गई है। योजना का विस्तार नवंबर 2020 तक होने से आगे पाच माह और भी इसका लाभ पात्र व्यक्तियों को मिलता रहेगा। राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत 10.28 लाख परिवारों के लिए राज्य सरकार द्वारा तीन माह( अप्रैल-मई जून 2020) के लिए प्रति कार्ड वितरण स्केल को बढ़ाते हुए 20 किलोग्राम खाद्यान्न (10 किलोग्राम गेहूं वह 10 किलोग्राम चावल) प्रति कार्ड किया गया। 

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