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देहरादून के इन तीन रास्तों पर नहीं चलेंगे ई-रिक्शा, स्टैंड पर ही खड़े होंगे; शहर में जाम की समस्या बन गई थी आम

आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि शहरी यातायात को सुगम बनाने की योजना के तहत ई-रिक्शा केवल शहर के अंदरूनी मार्गों पर चलेंगे और सवारी छोड़ने के लिए मुख्य मार्ग के किनारे तक आएंगे लेकिन मुख्य मार्गों पर संचालित नहीं होंगे।

By Nitesh SrivastavaEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Fri, 03 Feb 2023 01:59 PM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 01:59 PM (IST)
देहरादून के इन तीन रास्तों पर नहीं चलेंगे ई-रिक्शा,  स्टैंड पर ही खड़े होंगे; शहर में जाम की समस्या बन गई थी आम
देहरादून में जाम का पर्याय बन चुके हैं ई-रिक्शा। जागरण

जागरण संवाददाता, देहरादून: शहर की प्रमुख सड़कों पर बेधड़क दौड़ रहे ई-रिक्शा पर परिवहन विभाग ने प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें क्लेमेनटाउन-सहारनपुर रोड-राजपुर रोड-कुठालगेट, झाझरा-प्रेमनगर-चकराता रोड-रायपुर और आइसबीटी-हरिद्वार बाईपास-मोहकमपुर मार्ग शामिल हैं। आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि शहरी यातायात को सुगम बनाने की योजना के तहत ई-रिक्शा केवल शहर के अंदरूनी मार्गों पर चलेंगे और सवारी छोड़ने के लिए मुख्य मार्ग के किनारे तक आएंगे, लेकिन मुख्य मार्गों पर संचालित नहीं होंगे।

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इसी के साथ शहर में ई-रिक्शा और आटो के स्टैंड की जगह चिह्नित कर वहां एक समय पर खड़े रहने वाले ई-रिक्शा व आटो की संख्या भी तय की गई है। नियम तोड़ने वाले वाहन संचालकों के विरुद्ध अब परिवहन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी।

शहर में जाम का पर्याय बने ई-रिक्शा पर लंबी मशक्कत और कसरत के बाद सरकार ने 28 अगस्त-2019 को शहर के उन सभी चौराहों-तिराहों व मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित कर दिया था, जहां यातायात का दबाव अधिक रहता है। राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद इसका नोटिफिकेशन निकाल दिया गया है। ॉ

इसके अनुसार ई-रिक्शा केवल गली या संपर्क मार्गों पर ही चल सकते हैं। सरकार ने आदेश का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन पुलिस, परिवहन विभाग व नगर निगम को संयुक्त रूप से सौंपी थी। यही नहीं, सरकार ने उन समस्त प्रतिबंधित मार्गों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के बोर्ड भी लगाने के आदेश दिए थे।

जिसमें नो-एंट्री का समय सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक दर्ज करने को कहा गया था, लेकिन न प्रशासन ने कोई कदम उठाया, न पुलिस या परिवहन विभाग ने। अब आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने संभागीय परिवहन प्राधिकरण के शहर में यातायात सुधार के निर्णय के क्रम में ई-रिक्शा पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। इनके साथ आटो के लिए स्टैंड चिह्नित किए गए हैं।

अभी तक स्टैंड निर्धारित न होने से यह वाहन कहीं से भी बेधड़क संचालित हो रहे थे। चिह्नित स्टैंड को लेकर चार विभागों की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

यहां लगता है ई-रिक्शा का झुंड

पटेलनगर लालपुल, आइएसबीटी तिराहा, निरंजनपुर मंडी तिराहा, कारगी चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, घंटाघर, बल्लीवाला व बल्लूपुर चौक, प्रेमनगर, शिमला बाइपास तिराहा, दून अस्पताल तिराहा, जोगीवाला चौक, धर्मपुर, बिंदाल तिराहा, दर्शनलाल चौक, रिस्पना पुल, सर्वे चौक, सहारनपुर चौक, पथरीबाग चौक आदि।

चार विभागों की जिम्मेदार निर्धारित शहरी यातायात को सुगम बनाने की योजना के तहत आरटीओ सुनील शर्मा की ओर से जिलाधिकारी सोनिका को पत्र भेजा गया है। इसमें ई-रिक्शा व आटो के लिए चिह्नित किए गए स्टैंड व संचालन को लेकर चार विभागों की जिम्मेदारी निर्धारित की गई है।

आरटीओ ने बताया कि परिवहन विभाग पूर्व में निर्धारित व वर्तमान में चिह्नित स्टैंड का परीक्षण करेगा। एमडीडीए चिह्नित स्थलों पर निर्माण कार्य कराएगा। आटो स्टैंड पर नीली पृष्ठभूमि पर सफेद अक्षरों से लिखा बोर्ड जबकि ई-रिक्शा के लिए हरी पृष्ठभूमि पर पीले अक्षरों से लिखा बोर्ड लगाया जाएगा। नगर निगम यह राय देगा कि चिह्नित स्थलों पर स्टैंड बनाने में कोई विधिक बाधा नहीं है। यातायात पुलिस यह रिपोर्ट देगी कि संबंधित स्थल पर स्टैंड बनाने में यातायात में कोई बाधा नहीं है।

इसलिए लगाया गया था प्रतिबंध

शहर में आमजन की परिवहन सुविधा और शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए चलाए गए ई-रिक्शा आज शहर के लिए ‘नासूर’ बन गए हैं। मुख्य मार्ग, प्रमुख चौराहों व तिराहों पर इनका झुंड नजर आता है। यह न केवल ट्रैफिक जाम, बल्कि जनता के लिए बड़ी परेशानी भी बन चुके हैं। यदि आंकड़ों पर गौर करें तो परिवहन विभाग के रिकार्ड के तहत वर्तमान में दून में 4000 से अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। पंजीकृत ई-रिक्शा के साथ बड़ी संख्या में गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा भी दौड़ रहे हैं।


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