मूसलधार बारिश से दून में गली-मोहल्ले बने तालाब, सड़कों पर कीचड़ और पानी से वाहनों के रपटने का खतरा
दो दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश ने दून के गली-मोहल्लों को तालाब में तब्दील कर दिया। जिससे पैदल राहगीरों के साथ ही वाहन सवारों को भी आवाजाही में खासी दिक्कतें हुईं। सड़कों पर कीचड़ और बारिश का पानी जमा होने से वाहनों के रपटने का खतरा पैदा हो गया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दो दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश ने दून के गली-मोहल्लों को तालाब में तब्दील कर दिया। जिससे पैदल राहगीरों के साथ ही वाहन सवारों को भी आवाजाही में खासी दिक्कतें हुईं। वहीं, निर्माण कार्यों के चलते कई सड़कों पर कीचड़ और बारिश का पानी जमा होने से वाहनों के रपटने का खतरा पैदा हो गया है।
दून में मूसलधार बारिश से ड्रेनेज सिस्टम धड़ाम हो गया। शहर के कई इलाकों में बड़ी मात्रा में बारिश का पानी गलियों व घरों के आसपास जमा हो गया। कई जगह घरों व दुकानों में भी पानी घुसने की सूचना है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर सड़कों के गड्ढों में जमा पानी भी हादसे का सबब बना हुआ है। प्रेमनगर क्षेत्र में मेहूंवाला क्लस्टर योजना के तहत गतिमान पेयजल लाइन निर्माण कार्य के चलते कई मोहल्लों की सड़कें खोदी हुई हैं। बारिश के कारण ये सड़कें कीचड़ से भर गई हैं। जबकि, पटेलनगर क्षेत्र में भी क्षतिग्रस्त सड़कों पर आवाजाही मुश्किल हो गई है। यमुना कालोनी, खुड़बुड़ा, चुक्खूवाला, धर्मपुर, डोभालवाला, बंजारावाला, चमनपुरी, ब्राह्मणवाला, मोरोवाला, कारगी आदि क्षेत्रों में जलभराव की समस्या रही।
विष्णुपुरम में पैदल राहगीरों की बढ़ी मुश्किलें
बारिश के कारण विष्णुपुरम अपर नकरौंदा में जलभराव से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। यहां लेन-2 में मुख्य मार्ग में सड़क तालाब में तब्दील हो गई है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि हर साल बरसात में उन्हें जलभराव की समस्या झेलनी पड़ती है। शिकायत के बावजूद जिम्मेदार महकमे कोई स्थायी समाधान नहीं कर रहे हैं।
अंबीवाला में कीचड़ से पटी सड़कें
अंबीवाला-शुक्लापुर मार्ग पर पिछले कई वर्षों से बरसात में दिक्कतें पेश आ रही हैं। यहां बारिश के बाद सड़कें कीचड़ से पट जाती हैं। जिन पर पैदल चलना तो दूर दुपहिया वाहन भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इस बारिश में भी क्षेत्र में ऐसी ही स्थिति हो गई है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि यहां बरसात में खोदाई की जा रही है, जिससे यहां सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं बची है।