दून में 55 और मरीजों में डेंगू को हुई पुष्टि
अक्टूबर के बीस दिन गुजरने को है फिर भी डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। वह भी तब जबकि वातावरण में पारा का स्तर लुढ़क रहा है और सुबह व शाम को ठंड ने पूरी तरह दस्तक दे दी है। मैदानी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में भी डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, देहरादून :
अक्टूबर के बीस दिन गुजरने को है फिर भी डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। वह भी तब जबकि वातावरण में पारा का स्तर लुढ़क रहा है और सुबह व शाम को ठंड ने पूरी तरह दस्तक दे दी है। मैदानी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में भी डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता बनी हुई है। बात अगर मैदानी क्षेत्रों की करें तो इस बार देहरादून जनपद में डेंगू की बड़ी मार पड़ी है। शुक्रवार को भी यहा पर 55 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 29 मरीज उपचार के लिए गाधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, 19 मरीज दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय तथा सात मरीज सीएचसी रायपुर पहुंचे हुए थे। इसके बाद देहरादून में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 4519 हो गई है। जबकि प्रदेश में डेंगू के मरीजों का आकड़ा आठ हजार की संख्या को पार कर चुका है। इनमें भी देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार व उधमसिंहनगर सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं। वहीं अल्मोड़ा, टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग व चंपावत जनपद में भी हर अंतराल बाद डेंगू के मामले सामने आते रहे हैं। पिछले तीन माह में डेंगू के मच्छर ने पहाड़ व मैदान में जिस तरह कहर बरपाया है उससे स्वास्थ्य विभाग भी पशोपेश में है। ऐसे में अब भी लगातार सामने आ रहे डेंगू के मामलों को देख विभाग की नींद उड़ी हुई है। इतना जरूर कि पहले की अपेक्षा अस्पतालों में मरीजों का दवाब कुछ कम हुआ है। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय, कोरोनेशन अस्पताल व गाधी अस्पताल में डेंगू के कम ही मरीज भर्ती हैं। चिकित्सकों का कहना है कि जिन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो रही है उनमें अधिकाश को दवा देकर घर पर ही आराम करने की सलाह दी जा रही है। क्योंकि मच्छर का स्ट्रेन पहले की तुलना में कमजोर हुआ है। बहरहाल, डेंगू के मच्छर को निष्क्रिय करने के लिए अब इंतजाम नहीं बल्कि मौसम की मेहरबानी (वातावरण में बढ़ती ठंड) पर ही सबकी निगाह टिकी हुई है। मौजूदा समय में जिस तरह की स्थिति बनी हुई है उससे यह कहा जा सकता है कि वातावरण में तापमान का अधिकतम स्तर 25-26 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे लुढ़कने पर ही एडीज मच्छर पूरी तरह निष्क्रिय हो पाएगा।