सरकारी खर्च पर डॉक्टरी, सरकारी नौकरी से किनारा
उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से कम खर्चे पर बने डॉक्टरों को भी सरकारी नौकरी रास नहीं आ रही। इन डॉक्टरों के खिलाफ अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 02 Mar 2017 12:06 PM (IST)Updated: Thu, 02 Mar 2017 08:08 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: पांच साल तक पहाड़ में सेवा देने का बांड भरकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों से कम खर्चे पर बने डॉक्टरों को भी सरकारी नौकरी रास नहीं आ रही। एमबीबीएस करते वक्त यह बांड भरते जरूर हैं, लेकिन अनुबंध का पालन नहीं करते। ऐसे तमाम डॉक्टर उत्तराखंड में सेवाएं देने की शर्तों को धता बता रहे हैं। बहरहाल इन डॉक्टरों के खिलाफ अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
असल में राज्य सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए एमबीबीएस, एमडी समेत अन्य मेडिकल संबंधी पढ़ाई को रियायती फीस के साथ कराने का प्रावधान भी रखा है। इस फार्मूले के तहत जो छात्र बांड भरकर अपनी पढ़ाई करता है उसे एमबीबीएस की एक वर्ष की चार लाख रुपये की फीस के बजाए मात्र 50 हजार रुपये देने होते हैं। जबकि बांड के तहत ऐसे डॉक्टरों को अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद कुछ समय के लिए उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देनी होती हैं।
राज्य के हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों से पिछले सालों में कई छात्रों ने बांड भरकर रियायती दरों पर पढ़ाई तो की लेकिन बाद में जब उनकी नियुक्ति की गई तो उन्होंने पहाड़ों पर काम करने के लिए अपना कार्यभार ही नहीं संभाला। इस समस्या के चलते पहाड़ों पर डॉक्टरों की कमी का संकट और गहरा गया है क्योंकि एक तो पहले से ही इन इलाकों में डॉक्टरों की कमी है ऊपर से जिन्हें सरकार की ओर से तैनात किया गया है वो अपना कार्यभार संभाल नहीं रहे।
इस पूरे मामले में बड़ी हैरानी की बात ये है कि अब तक ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है। ऐसे ही डॉक्टरों पर शिकंजा कसने के लिए एक समिति गठित की गई थी। जो साल दर साल ऐसे डॉक्टरों की एक सूची बनाएगी जिन्होंने बांड भरने के बाद अपना पदभार नहीं संभाला है। अकेले हल्द्वानी से पास आउट ऐसे डॉक्टरों की तादाद 120 के करीब है। अब इन पर चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी।
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से पासआउट
वर्ष---------पास आउट---बांडधारी---ज्वाइनिंग---पैसा जमा किया----बांड से छूट
2004---------49----------49-------------05-------------4-----------------6
2005---------48----------48-------------01-------------5-----------------7
2006---------65----------65-------------12------------24-----------------0
2007---------60----------55-------------20-------------3------------------0
2008---------99----------88-------------47------------00-----------------0
2009--------100---------89--------------45------------00---------------14
2010----------99---------80--------------44------------00---------------00
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से पासआउट
वर्ष--------पास आउट---बांडधारी----ज्वाइन किया-पैसा जमा किया
2008---------100---------96------------89------------00
2009---------100---------94------------55------------00
2010----------100--------97--------------0------------00
नोटिस भेज दिए गए हैं, अब अग्रिम कार्रवाई की जाएगी
चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि बांड का पालन न करने वाले चिकित्सकों की वर्षवार सूची तैयार की गई है। इन्हें कॉलेज स्तर से नोटिस भेज दिए गए हैं। अब अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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