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गैरसैंण को राजधानी बनाने पर दीक्षित आयोग गिना चुका 17 कमियां

स्थायी राजधानी के लिए उपयुक्त स्थल तलाश करने के लिए गठित दीक्षित आयोग गैरसैंण में राजधानी बनाने के लिहाज से 17 प्रमुख कमियां गिना चुका है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 11:47 AM (IST)
गैरसैंण को राजधानी बनाने पर दीक्षित आयोग गिना चुका 17 कमियां
गैरसैंण को राजधानी बनाने पर दीक्षित आयोग गिना चुका 17 कमियां

देहरादून, जेएनएन। राजधानी चयन आयोग का नजरिया गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की मुख्यमंत्री की घोषणा से भिन्न है। स्थायी राजधानी के लिए उपयुक्त स्थल तलाश करने के लिए गठित दीक्षित आयोग गैरसैंण में राजधानी बनाने के लिहाज से 17 प्रमुख कमियां गिना चुका है। उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट से इस रिपोर्ट को आरटीआइ कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने प्राप्त किया।

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आरटीआइ के हवाले से प्राप्त जानकारी को गुरुवार को साझा करते हुए नदीम उद्दीन ने कहा कि जनभावनाओं में भले ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने की बात की जा रही हो, मगर आयोग की धरातलीय रिपोर्ट इस स्थल का भरपूर समर्थन नहीं करती है। उन्होंने बताया कि राजधानी चयन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कुल 268 सुझाव प्राप्त किए गए थे। मगर, किसी भी संभावित स्थल को लेकर सुझावों को बहुमत नहीं मिल पाया। यह सच है कि सर्वाधिक 126 सुझाव गैरसैंण के पक्ष में आए, मगर इनकी संख्या आधे से अधिक न होने पर सिर्फ जनमत को स्थायी राजधानी के चयन के लिए आधार नहीं बनाया गया।

आयोग ने गैरसैण में राजधानी बनाने के पक्ष में चार आधार गिनाए, जबकि विपक्ष में 17 आधार दिए गए। जिसमें पहुंच सुगम न होना, ढांचागत विकास के लिए जमीन की क्षमता उपयुक्त न होना, ढलान अधिक होना, पानी की कमी जैसे आधार गिनाए गए। दूसरी तरफ पक्ष में महज भौगोलिक दृष्टि से गैरसैंण के राज्य के मध्य में होने, स्थानीय लोगों की पहुंच आसान होने जैसे आधार गिनाए गए।

ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा पर सरकार का पुतला फूंका

यूकेडी ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा के विरोध में प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया। यूकेडी नेताओं का कहना है कि गैरसैंण को पूर्णकालिक राजधानी से कम कुछ नहीं स्वीकार होगा।

गुरुवार को द्रोण चौक में एकत्र हुए कार्यकर्ताओं ने बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा का पूर्णत: विरोध करते हुए प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया। इस दौरान जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई ने कहा कि गैरसैंण को राज्य आंदोलन के शुरुआत से ही पूर्णकालिक राजधानी की नजरों से देखा जा रहा है।

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शहीदों का भी यही सपना था कि गैरसैंण ही पहाड़ी राज्य की राजधानी होगी। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की है। कहा कि यूकेडी का स्पष्ट मत है कि उत्तराखंड जैसा संसाधनविहीन राज्य दो-दो राजधानी का बोझ नहीं उठा सकता है। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष व संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार, लताफत हुसैन, प्रताप कुंवर, महासचिव डीके पाल, रेखा मियां, सुनील ध्यानी, गीता बिष्ट समेत अन्य मौजूद रहे।

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