देहरादून के जिलाधिकारी बोले, अल्ट्रासाउंड सेंटरों के औचक निरीक्षण से रोकें दुरुपयोग
जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने अल्ट्रासाउंड मशीनों के दुरुपयोग के संबंध में निर्देश जारी किए। उन्होंने समिति से जुड़े हर एक सदस्य को ऐसे दस परिवारों की निगरानी करने को कहा है।
By Edited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 09:06 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 02:45 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। पीसीपीएनडीटी (गर्भाधान पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक) विनियम और दुरुपयोग निवारण अधिनियम की जिला सलाहकार समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने अल्ट्रासाउंड मशीनों के दुरुपयोग के संबंध में निर्देश जारी किए। उन्होंने समिति से जुड़े हर एक सदस्य को ऐसे दस परिवारों की निगरानी करने को कहा, जिनकी एक बेटी है और वह दूसरी संतान की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों का औचक निरीक्षण किया जाए, तभी इसके दुरुपयोग को रोका जा सकता है।
गुरुवार को एनआइसी सभागार के सदस्यों से ऑनलाइन जुड़े जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि जिन दंपतियों की दो बेटी हैं और वह अगली संतान की तैयारी कर रहे हैं तो उनके प्रसव पूर्व की स्थिति की पूरी जानकारी प्राप्त करें। ताकि कोई भी व्यक्ति अल्ट्रासाउंड का दुरुपयोग न कर सके। इसके अलावा जिलाधिकारी ने एक साल में विभिन्न क्लिनिक व अस्पतालों में प्रेगनेंसी संबंधी अल्ट्रासाउंड, डिलीवरी, मिसकैरेज आदि का ब्योरा भी तलब किया। समिति की बैठक में सात अल्ट्रासाउंड केंद्रों के पंजीकरण और नवीनीकरण संबंधी आवेदन पास किए गए।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि नई मशीन क्रय करने की अनुमति के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी 10 दिन के भीतर उसे अंतिम अनुमति प्रदान कर दें। यदि इसमें 10 दिन का विलंब होता है तो प्रकरण को समिति के समक्ष रखा जाए, जिससे अधिक विलंब और अनावश्यक औपचारिकता से बचा जा सके। बैठक में नोडल अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला, संयुक्त निदेशक विधि जीसी पंचोली, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एनएस खत्री, जिला शासकीय अधिवक्ता डॉ. वंदना सेमवाल आदि उपस्थित रहे।
बिना अनुमति खरीदी सीटी स्कैन मशीन, जांच के आदेश
जिलाधिकारी के समक्ष यह मामला भी सामने आया कि एक अस्पताल ने बिना अनुमति सीटी स्कैन मशीन का क्रय-विक्रय किया है। साथ ही एक नई अल्ट्रासाउंड मशीन की खरीद में भी समिति की अनुमति नहीं ली गई। इस मामले में जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने अस्पताल का जवाब तलब करने के निर्देश दिए। यदि जवाब संतोषजनक न पाया गया तो अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
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