उत्तराखंड में तीन श्रेणियों में बांटे गए आपदा प्रभावित गांव, पढ़िए पूरी खबर
प्रदेश सरकार ने आपदा के लिहाज से गांवों को अतिसंवेदनशील संवेदनशील और कम संवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत किया है। अतिसंवेदनशील आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास के लिए आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को विधानसभा में समीक्षा बैठक होगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार ने आपदा के लिहाज से गांवों को अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और कम संवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत किया है। अतिसंवेदनशील आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास के लिए आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को विधानसभा में समीक्षा बैठक होगी। इसमें सभी अति संवेदनशील आपदा प्रभावित क्षेत्रों के विधायक भी शामिल होंगे।
उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां तकरीबन 400 से अधिक गांव आपदा की जद में हैं। बरसात के दौरान यहां भूस्खलन आदि का खतरा बना रहता है। मानसून सीजन को देखते हुए विभाग अभी से इन गांवों के पुनर्वास की तैयारी में जुट गया है। इस कड़ी में आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास पर बैठक आयोजित की गई है। राज्यमंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि आगामी मानसून सीजन के मद्देनजर राज्य के आपदा प्रभावित गांवों का पुनर्वास सरकार की प्राथमिकता में है। इसी क्रम में इन गांवों को अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और कम संवेदनशील श्रेणी में बांटा गया है।
इसी क्रम में पुनर्वास बैठक भी आयोजित की जाएंगी। सोमवार को विधानसभा में होने वाली इस बैठक में शासन के अधिकारियों के साथ ही संबंधित क्षेत्र के विपक्ष के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है। इनमें चकराता विधायक प्रीतम सिंह, धारचूला विधायक हरीश धामी, पुरोला विधायक राजकुमार और केदारनाथ विधायक मनोज रावत शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अगले सप्ताह संवेदनशील क्षेत्रों के आपदाग्रस्त गांवों की समीक्षा की जाएगी। इसमें भी संबंधित क्षेत्र के विधायकों को बुलाया जाएगा।
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