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आयुष-यूजी में दाखिले पर फिर फंसा पेंच

आयुष-यूजी में दाखिले को लेकर फिर अजब स्थिति बन गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 03:01 AM (IST)
आयुष-यूजी में दाखिले पर फिर फंसा पेंच

जागरण संवाददाता, देहरादून: आयुष-यूजी में दाखिले को लेकर फिर अजब स्थिति बन गई है। एक तरफ जहां उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने द्वितीय राउंड की काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है, वहीं मैनेजमेंट कोटे की सीटों के लिए निजी संस्थानों ने अलग प्रवेश परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। जिसके पीछे उन्होंने हाईकोर्ट के निर्णय को आधार बनाया है।

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उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से जुड़े सरकारी व निजी कॉलेजों में बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस की कुल 675 सीटें राज्य कोटे की हैं। जबकि ऑल इंडिया कोटे की कुल 565 सीटें हैं। इस बार दाखिले नीट के स्कोर पर होने हैं। जिसके लिए उत्तराखंड आयुर्वेद विवि प्रथम राउंड की काउंसिलिंग भी करा चुका है। यह अलग बात है कि ज्यादातर निजी कॉलेजों को अभी तक इस सत्र की मान्यता नहीं मिली है। हाल में विवि ने द्वितीय राउंड की काउंसिलिंग शुरू की है, पर इस बीच निजी कॉलेजों ने भी अपना शेड्यूल जारी कर दिया है। दरअसल, मैनेजमेंट कोटा की सीटें केंद्रीयकृत काउंसिलिंग के जरिये भरने पर उन्हें एतराज है। निजी कॉलेजों का यह तर्क है कि एक्ट के तहत मैनेजमेंट कोटा के लिए उन्हें अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने का अधिकार है। इसी बात पर कॉलेज संचालक हाईकोर्ट गए थे। जिस पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत विज्ञापन जारी करने की इजाजत दे दी है। इस मामले में अंतिम सुनवाई 22 अक्टूबर होनी है। उधर, विवि प्रशासन का कहना है कि उन्हें अभी कोर्ट का कोई आदेश नहीं मिला है। एग्जाम एक्ट के तहत हमें मैनेजमेंट कोटे की सीटों के लिए परीक्षा कराने का अधिकार है। यही बात हमने कोर्ट में रखी है। जहां तक नीट के स्कोर पर सीट भरने का प्रश्न है, तो इसमें न्यूनतम अंक की बाध्यता है। इस व्यवस्था के तहत अधिकांश सीटें खाली रह जाएंगी। जिससे निजी संस्थानों को नुकसान होगा।

- डॉ. अश्वनी काम्बोज अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ कम्बाइंड एंट्रेंस उत्तरांचल आयुर्वेद कॉलेज ने कहा है कि उनकी मैनेजमेंट कोटे की सीटें केंद्रीयकृत काउंसिलिंग के तहत न भरी जाएं। क्योंकि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। अन्य कॉलेजों ने लिखित में सीट भरने को कहा था। न्यायालय का आदेश अभी नहीं मिला है। जो भी कोर्ट का आदेश होगा, उसी अनुरूप आगे कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ. राजेश कुमार, प्रभारी कुलसचिव उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय नुकसान का भी डर

बता दें कि निजी संस्थानों पर कोई मॉनीटरिंग न होने के चलते मैनेजमेंट की सीटों पर वह भारी भरकम डोनेशन लेते आए हैं। लेकिन नीट की सेंट्रलाइज्ड काउंसिलिंग के कारण यह संभव नहीं है। इसके बाद निजी संस्थानों को मनमाने दाखिले करने का अधिकार नहीं मिल पाएगा। जिस कारण प्रबंधन को भारी नुकसान होगा। तभी यह सारी जुगत चल रही है। कॉमन प्री-मेडिकल एंट्रेस एग्जाम

ऑनलाइन आवेदन-16 से 24 अक्टूबर।

परीक्षा की तिथि-27 अक्टूबर।

परीक्षा परिणाम-29 अक्टूबर।

काउंसिलिंग-30 अक्टूबर। केंद्रीयकृत काउंसिलिंग का शेड्यूल

- ऑनलाइन पंजीकरण, शुल्क भुगतान-13 से 18 अक्टूबर।

च्वाइस फिलिंग-20-21 अक्टूबर।

परिणाम जारी-23 अक्टूबर।

दाखिले की अंतिम तिथि-25 से 27 अक्टूबर।


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