डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की कसरत, चलेगा सर्वे अभियान
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू को लेकर अभी से कसरत शुरू कर दी है। साथ ही इंटेंसिव सोर्स डिटेक्शन सर्वे की भी तैयारी है। इसमें 200 से अधिक आशाओं को लगाया जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से निपटने के लिए अभी से कसरत शुरू कर दी है। विभाग ने इसे लेकर जन जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसके अलावा इंटेंसिव सोर्स डिटेक्शन सर्वे की भी तैयारी है। इसमें 200 से अधिक आशाओं को लगाया जाएगा।
बीते वर्षों में डेंगू का कहर प्रदेश में इस कदर छाया रहा कि स्वास्थ्य विभाग के भी हाथ-पाव फूल गए। इसका सबसे अधिक असर देहरादून में दिखा। वर्ष 2016 में 1434 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। यहा तक की तीन लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी।
इस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री तक को खुद मैदान में उतरना पड़ा था। वर्ष 2017 में 366 व गत वर्ष 314 केस पॉजीटिव पाए गए। स्वास्थ्य विभाग को डर है कि इस बार भी कहीं इसी प्रकार से डेंगू का डंक शहर में परेशानी खड़ी न कर दे। ऐसे में विभाग ने इसे लेकर रणनीति तय की है।
वीबीडी अधिकारी सुभाष जोशी का कहना है कि डेंगू को लेकर विभाग सतर्क है। डेंगू संभावित क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा नगर निगम के स्तर पर फॉगिंग भी की जा रही है। इंटेंसिव सोर्स डिटेक्शन सर्वे जून-जुलाई में किया जाएगा। इसके तहत दून में 200 से अधिक आशाएं संभावित स्थानों पर जाकर लिस्ट तैयार करेंगी। इसके बाद नगर निगम वहा पर छिड़काव करेगा।
बता दें, डेंगू का मच्छर एक बार में तकरीबन दो सौ से अधिक अंडे देता है। वहीं अंडे से लार्वा पैदा होने का चक्र काफी समय तक चलता है। ऐसे में एक बार छिड़काव करने से असर नहीं होता है। इसलिए जो स्थान चिह्नित होंगे, वहा पर कई बार छिड़काव किया जाएगा।
जुलाई से लेकर नवंबर तक पानी के ठहराव को देखते हुए डेंगू के प्रकोप की संभावनाएं अधिक रहती हैं। ऐसे में आशा कार्यकर्ताओं की मदद से दवाई घर-घर पहुंचाई जाएगी। जहा पानी के ठहराव की संभावनाएं रहेंगी, वहा दवा डालकर डेंगू के लार्वा व प्यूपा को पनपने से पहले ही खत्म कर दिया जाएगा। विभाग द्वारा दवा, प्लेटलेट्स आदि की उपलब्धता को लेकर भी कार्ययोजना तैयार की गई है।
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