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विधानसभा सीटों का परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर करने को लेकर उक्रांद का प्रदर्शन

विधानसभा सीटों पर आगामी परिसीमन जनसंख्या के बजाय क्षेत्रफल के आधार पर किए जाने की मांग को लेकर विधानसभा कूच कर रहे उक्रांद कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 12:33 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 12:33 PM (IST)
विधानसभा सीटों का परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर करने को लेकर उक्रांद का प्रदर्शन
विधानसभा सीटों का परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर करने को लेकर उक्रांद का प्रदर्शन

देहरादून, जेएनएन। विधानसभा सीटों पर आगामी परिसीमन जनसंख्या के बजाय क्षेत्रफल के आधार पर किए जाने की मांग को लेकर विधानसभा कूच कर रहे उक्रांद कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया। इससे नाराज कार्यकर्ता ने सांकेतिक उपवास कर राज्यपाल को अपना ज्ञापन प्रेषित किया। 

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उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार व बीडी रतूड़ी के नेतृत्व में कूच कर रहे कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज्य के बुनियादी सवालों को लेकर उक्रांद हमेशा संघर्षरत रहा है। प्रदेश का अस्सी फीसद भू-भाग पर्वतीय है। इसलिए यूकेडी पूर्व से ही मांग करता आया है कि राज्य की विस सीटों पर परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किया जाए। 

उन्होंने उदाहरण दिया कि हिमाचल प्रदेश में भी लाहौल स्पीति विधानसभा महज 25 हजार की जनसंख्या पर बनी है। वहीं लद्दाख लोकसभा की जनसंख्या मात्र 50 हजार है। क्योंकि, इनका आधार क्षेत्रफल/भौगोलिक लिया गया है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी परिसीमन भौगोलिक आधार पर किया जाता है, लेकिन उत्तराखंड में ऐसा नहीं किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में राज्य का परिसीमन जनसंख्या के आधार पर किया गया था इससे पर्वतीय क्षेत्र की छह विस सीटें कम हो गई और इन्हें मैदानी जनपदों में जोड़ दिया गया। कहा कि आगामी 2026 में पूरे देश में वर्ष 2021 की जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होना है। यदि राज्य में जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होता है तो पर्वतीय भू-भाग की 15 से 18 विस सीटें कम हो जाएंगी और पहाड़ी राज्य का औचित्य ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने मांग की है कि राज्य की विधानसभा इस बावत प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजे। 

प्रदेश में हो रही बाहरी लोगों की घुसपैठ 

यूकेडी कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार नेपाल व चीन से लगती सीमा के प्रति भी गंभीर नहीं है। प्रदेश में बाहरी लोग लगातार घुसपैठ कर रहे हैं।  भू-माफिया यहां की जमीनें औने-पौने दाम में खरीद रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि राज्य में धारा-371 लागू की जाए। गन्ना किसानों को जल्द बकाया भुगतान करने की मांग भी उन्होंने की है। 

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उपवास पर बैठने वालों में दल के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार, बीडी रतूड़ी, हरीश पाठक, एपी जुयाल, डीके पाल, सुनील ध्यानी, किशन रावत, जय प्रकाश उपाध्याय, राकेश राजपूत,  प्रह्लाद रावत, प्रमिला रावत, राजेश्वरी रावत, सीमा, गीता बिष्ट आदि शामिल रहे।

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