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जौनसार-बावर के दुर्गम इलाके में बढ़ाई जाए जांच की सुविधा

चकराता जौनसार-बावर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप तेजी से फेल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 12:08 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 12:08 AM (IST)
जौनसार-बावर के दुर्गम इलाके में बढ़ाई जाए जांच की सुविधा
जौनसार-बावर के दुर्गम इलाके में बढ़ाई जाए जांच की सुविधा

संवाद सूत्र, चकराता: जौनसार-बावर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप तेजी से फेल रहा है। मौसम परिवर्तन के चलते क्षेत्र के कई गांवों में सैकड़ों लोग बुखार और खांसी से पीड़ित हैं, जिनके उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है। कोविड-19 खतरे की आशंका के चलते स्थानीय निवासी पूर्व अपर सचिव अर्जुन सिंह राठौर ने सचिव स्वास्थ्य को पत्र प्रेषित कर जौनसार के दूरदराज इलाकों में जनता की स्वास्थ्य सेवा को टेस्टिग सुविधा बढ़ाने की मांग की। कहा कि सीमांत इलाकों में स्वास्थ्य सेवा की कमी और यातायात समस्या के चलते लोग काफी परेशान है, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

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देश-प्रदेश में चल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। कोरोना महामारी की चपेट में आने से बेहाल सैकड़ों लोग उपचार के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं। हालत ये है कि अस्पतालों में कोविड मरीजों के उपचार को ऑक्सीजन बेड, आइसीयू और वेंटिलेटर बेड कम पड़ गए। स्वास्थ्य सेवा की कमी से शहर से लेकर पहाड़ तक बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेट हैं, जिनके उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है। कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सेवा की बदहाली आमजन के लिए मुसीबत बन गई। जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में तो स्वास्थ्य सेवा का बुराहाल है। इसी कड़ी में जौनसार के खाती निवासी सेवानिवृत्त अपर सचिव अर्जुन सिंह राठौर ने सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड शासन को पत्र प्रेषित कर क्षेत्रवासियों की स्वास्थ्य समस्या से अवगत कराया। पूर्व अपर सचिव ने कहा कि जौनसार के कालसी, चकराता और त्यूणी तहसील से जुड़े कई ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों लोग बुखार और खांसी से पीड़ित हैं। कालसी प्रखंड से जुड़े सुदूरवर्ती खाती, कचटा, गांगरौ, चिटाड़, बाढ़ौ, मुंधान समेत दूर-दराज के इलाकों में रह रहे कई ग्रामीणों को बुखार-खांसी की शिकायत है। सीमांत इलाकों में स्वास्थ्य जांच की कोई व्यवस्था नहीं होने से स्थानीय ग्रामीणों को उपचार के लिए मीलों दूर चलकर कालसी, साहिया, त्यूणी व चकराता अस्पताल जाना पड़ता है। संसाधन विहीन कई लोग यातायात समस्या के चलते अस्पतालों में स्वास्थ्य जांच के लिए नहीं जा पा रहे। किसी तरह अपने निजी संसाधनों से अस्पताल पहुंच रहे कई ग्रामीणों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, जिन्हें होम आइसोलेट कर भगवान भरोसे छोड़ दिया गया। संकट के इस दौर में गरीबों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। स्वास्थ्य सेवा बेहाल होने से स्थानीय ग्रामीणों को समय रहते उपचार नहीं मिलने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ गया। क्षेत्र के चार प्रमुख अस्पतालों में कोविड मरीजों के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं होने से जिदंगी दम तोड़ रही है। हाल के दिनों में कालसी और चकराता प्रखंड से जुड़े कुछ इलाकों में कोरोना संक्रमित करीब 10 मरीज मौत के मुंह में समा गए, जबकि सैकड़ों कोरोना संक्रमित मरीज स्वास्थ्य सेवा की कमी से अपने घरों में जिदगी से जूझ रहे हैं, जिन्हें देखने की किसी को फुर्सत नहीं है। पूर्व अपर सचिव ने संकट के दौर से गुजर रहे ग्रामीण जनता की स्वास्थ्य सेवा को दूरदराज के इलाकों में टेस्टिग की सुविधा बढ़ाने की मांग की। साथ ही बुखार-खांसी से पीड़ित मरीजों की स्वास्थ्य जांच को मेडिकल टीम संबंधित गांवों में भेजने की मांग की।


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