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बैराज पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक की मांग

विकासनगर शहर कांग्रेस कमेटी ने यमुना में अवैध खनन व बैराज पुल से भारी वाहनों का आवागमन बंद करने की मांग की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 05:48 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 05:48 PM (IST)
बैराज पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक की मांग
बैराज पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक की मांग

जागरण संवाददाता, विकासनगर: शहर कांग्रेस कमेटी ने यमुना में अवैध खनन व बैराज पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग को लेकर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। पार्टी कार्यकर्ताओं ने नवाबगढ़ में संचालित स्क्रीनिग प्लांट को मानकों के विपरीत बताते हुए जांच कराने की मांग की।

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शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शम्मी प्रकाश के नेतृत्व में तहसील पहुंचे कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर उनके कुछ जनप्रतिनिधियों की शह पर क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन किया जा रहा है। उन्होंने स्क्रीनिग प्लांट के संचालन पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्लांट संचालक के पास अपना कोई पट्टा नहीं है, ऐसे में उप खनिज कहां से लाया जा रहा है, इसकी जांच की जानी चाहिए। कांग्रेसियों ने कहा कि डाकपत्थर बैराज पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन खनन से भरे वाहन पुल से गुजर रहे हैं, जिससे पुल टूटने से कभी भी बड़ा खतरा हो सकता है। यूजेवीएनएल प्रशासन ने पुल से भारी वाहन रोकने के लिए बेरिकेट लगवाया था, जिसे भी खनन माफिया ने तोड़ डाला। पुलिस ने आज तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और न ही जल विद्युत निगम प्रशासन ने दोबारा बेरिकेट लगाने की हिम्मत जुटाई। बेरिकेट तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। उन्होंने यमुना में अवैध खनन व डाकपत्थर बैराज पुल से भारी वाहनों की आवाजाही रोकने, स्क्रीनिग प्लांट के मानकों की जांच कराने की मांग एसडीएम से की है। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश, सभासद गिरीश सप्पल, क्षेत्र पंचायत सदस्य नितिन वर्मा, सभासद लवलेश शर्मा शामिल रहे।

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पछवादून में खनन खुलने से श्रमिकों को मिला काम

विकासनगर: लॉकडाउन के कारण खाली हाथ बैठे श्रमिकों को पछवादून की नदियों में विधिवत खनन कार्य शुरू होने पर काम मिला है। नदियों में रेत, बजरी छानने व ढोने के काम में लगे श्रमिकों की आजीविका कुछ पटरी पर आनी शुरू हो गई है। इसी के साथ ही खाली हाथ बैठे ट्रक, डंपर व ट्रैक्टर चालकों को भी खनन कार्य से राहत मिली है, खनन कार्य में लगे वाहन चालकों ने बताया कि अब रोजी रोटी के हालात कुछ सुधरे हैं, पूरी तरह से पटरी पर आने में समय लगेगा। बता दें कि सरकार की ओर से आवंटित खनन पट्टों पर कार्य जून तक चलता है, बरसात के मौसम के कारण सरकारी स्तर से नदियों में उपखनिज चुगान कार्य बंद कर दिया जाता है और बरसात का मौसम समाप्त होने पर विधिवत आवंटित पट्टों में खनन कार्य फिर शुरू होता है। लेकिन इस बार मार्च से मई तक लॉकडाउन चला, जिसके चलते खनन कार्य में लगे वाहन संचालकों व श्रमिकों की रोजी रोटी पूरी तरह से प्रभावित हुई थी। किसी तरह से लॉकडाउन अवधि में इस वर्ग ने काम चलाया। अब खनन कार्य संचालित होने से वाहन संचालकों के साथ ही मजदूरों की आजीविका पटरी पर आनी शुरू हो गई है। वर्तमान में कुल्हाल, नवाबगढ़, बाड़वाला में यमुना में खनन चुगान कार्य चलने से श्रमिकों व वाहन चालकों के चेहरे खिलने शुरू हो गए हैं।


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