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जून‍ियर हाईस्‍कूल श‍िक्षक संघ ने उठाई शिक्षकों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग, प्रधानमंत्री मोदी को भेजा ज्ञापन

संघ के राष्ट्रीय महामंत्री सुभाष चौहान ने बताया कि वर्तमान में राज्य में उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों से अध्यापकों का समायोजन किया जा रहा है और उनके स्थान पर उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों में अध्यापक नहीं भेजे जा रहे। कहा कि संगठन इसका घोर विरोध करता है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 02:18 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 02:18 PM (IST)
राज्य के समस्त अध्यापकों को पुरानी पेंशन दिए जाने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने केंद्र सरकार से वर्ष 2005 के बाद नियुक्ति पाने वाले राज्य के समस्त अध्यापकों को पुरानी पेंशन दिए जाने की मांग की है। संघ ने रविवार को वर्चुअल बैठक के बाद इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डाक के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया।

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संघ के राष्ट्रीय महामंत्री सुभाष चौहान ने बताया कि वर्तमान में राज्य में उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों से अध्यापकों का समायोजन किया जा रहा है और उनके स्थान पर उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों में अध्यापक नहीं भेजे जा रहे। कहा कि संगठन इसका घोर विरोध करता है।

संगठन की मांग है कि उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों का शत-प्रतिशत एलटी समायोजन किया जाए। अगर शत प्रतिशत एलटी समायोजन नहीं होता है तो उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों का 14 नवंबर 2016 का पृथक संचालन का शासनादेश जारी किया जाए।

राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश त्यागी ने कहा कि अगरउच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों से अनावश्यक शिक्षकों को हटाया गया तो संगठन को जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के सहयोग से आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन और विभाग की होगी।

वर्चुअल बैठक में संघ के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमेश चौहान, संगठन मंत्री डा. रणवीर सिंह, संयुक्त मंत्री सेठपाल, संयुक्त मंत्री जीएस यादव, उपाध्यक्ष अपूर्वा दीक्षित, संगठन मंत्री उमाकांत शर्मा आदि शामिल हुए।

भिक्षावृत्ति में लिप्त महिलाओं और बच्चों को किया रेस्क्यू

दून में भिक्षावृत्ति की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। विभिन्न चौराहों पर महिलाओं से लेकर बच्चे भी सुबह से शाम तक भीख मांगते नजर आ जाते हैं। इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर शहर में रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया।

जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार के मुताबिक, अभियान के तहत आइएसबीटी व रिस्पना पुल से चार महिलाओं व नौ बच्चों को रेस्क्यू किया गया। सभी को उनके स्वजन के सौंप दिया गया। जिलाधिकारी के मुताबिक बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भीख मांगने वाली महिलाओं व बच्चों को रेस्क्यू कर सरकार मानक के अनुरूप समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के निर्देश दिए हैं। जिन बच्चों व महिलाओं को रेस्क्यू किया गया है, उन्हें मुख्यधारा से जोडऩे व पुनर्वास के लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। रेस्क्यू में समर्पण संस्था से मानसी मिश्रा, गीता ममगाईं, जिला प्रोबेशन कार्यालय से संपूर्ण भट्ट, रश्मि बिष्ट, एंटी ह्यूमन ट्रैफिङ्क्षकग यूनिट से रायना रावत, देवेंद्र, चाइल्डलाइन से जसवीर रावत आदि उपस्थित रहे।

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