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16 जान ले चुका है Dehradun का ये 'खूनी' फ्लाईओवर, अब कितनी मौतों का इंतजार?

Dehradun Dangerous flyover इस खूनी फ्लाईओवर का तीव्र मोड अब तक 16 युवाओं की जान ले चुका है और सिस्टम अब भी इंतजार की मुद्रा में है। अगस्त 2016 में कांग्रेस शासनकाल में जब यह फ्लाईओवर तैयार हुआ तभी इस बात की आशंका भी तेज हो गई थी कि यह यातायात के लिए सुरक्षित नहीं है। सरकार लोगों की सुरक्षा की खातिर बजट जुटाने में असहाय नजर आ रही है।

By Soban singh Edited By: Nirmala Bohra Sat, 18 May 2024 11:43 AM (IST)
16 जान ले चुका है Dehradun का ये 'खूनी' फ्लाईओवर, अब कितनी मौतों का इंतजार?
Dehradun Dangerous flyover: फोरलेन में पास किए गए फ्लाईओवर का जबरन दो लेन में निर्माण किया गया।

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून: Dehradun Dangerous flyover: बल्लीवाला फ्लाईओवर पर सरकार को कितनी और मौतों का इंतजार है? इस खूनी फ्लाईओवर का तीव्र मोड अब तक 16 युवाओं की जान ले चुका है और सिस्टम अब भी इंतजार की मुद्रा में है।

हाईकोर्ट के आदेश पर कुछ समय पूर्व लोक निर्माण विभाग ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर यहां पर एक और डबल लेन फ्लाईओवर की संभावना तलाशी थी, लेकिन इसके निर्माण पर शासन ने बजट न होने का हवाला देकर हाथ पीछे खींच दिए। यही वजह है कि एक के बाद एक युवा इस फ्लाईओवर पर जान गंवा रहे हैं और सरकार लोगों की सुरक्षा की खातिर बजट जुटाने में असहाय नजर आ रही है।

फ्लाईओवर का जबरन दो लेन में किया गया निर्माण

अगस्त 2016 में कांग्रेस शासनकाल में जब यह फ्लाईओवर तैयार हुआ, तभी इस बात की आशंका भी तेज हो गई थी कि यह यातायात के लिए सुरक्षित नहीं है। क्योंकि फोरलेन में पास किए गए फ्लाईओवर का जबरन दो लेन में निर्माण किया गया। अधिकारियों ने यह जानते हुए भी इसमें सुधार नहीं किया कि फ्लाइओवर पर तीव्र मोड़ भी है और इसका संकरापन हादसों का कारण बनेगा। फ्लाईओवर पर हादसे बढ़ने लगे तो राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने सेफ्टी आडिट भी कराया।

इसकी कुछ संस्तुतियों के आधार पर फ्लाईओवर को फाइबर डिवाइडर लगाकर दो भागों में भी बांटा गया, ताकि कोई भी वाहन एक-दूसरे को ओवरटेक करने की जगह आगे-पीछे चलेंगे। अब फ्लाईओवर पर एक और नया प्रयोग करते हुए मोड से ठीक पहले दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर लगा दिए गए हैं।

बल्लूपुर की तरफ से आने वाले वाहन तेज गति से आते हैं और मोड़ नजर आने पर अचानक ब्रेक मारने की स्थिति में पीछे से आ रहे वाहन उनसे टकरा जाते हैं। इसके अलावा स्पीड ब्रेकर पर दोपहिया वाहन चालक भी हादसे के शिकार हो चुके हैं।

इसलिए जरूरी है एक और फ्लाईओवर

डबल लेन फ्लाईओवर पर दोनों तरफ के वाहन गुजरते हैं। ऐसे में एक तरफ महज सिंगल लेन होने के चलते मोड़ वाले हिस्से पर दुर्घटना होती है। यदि यहां पर एक और फ्लाईओवर बन जाए तो यातायात सुगम हो पाएगा, क्योंकि एक फ्लाइओवर से एक ही दिशा वाले वाहन गुजरेंगे।

कई जान चली गईं, फिर भी ब्लैक स्पाट नहीं किया घोषित

इस मामले में यातायात निदेशालय भी उदासीन बना हुआ है। लगातार हादसे होने के बावजूद यातायात निदेशालय ने अब तक फ्लाईओवर पर दुर्घटना वाले स्थान को ब्लैक स्पाट घोषित नहीं किया है। फ्लाईओवर पर सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं। यही कारण है कि समय-समय पर यहां पर हादसे हो रहे हैं।