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रक्षाबंधन में देशी राखियों की धूम, चाइनीज राखियां बाजारों से गायब

राजधानी देहरादून के बाजारों से इसबार चाइनीज राखियां पूरी तरह से गायब हैं और देशी राखियों की धूम हैं। लोग किसी भी कीमत पर चाइनीज राखियां नहीं खरीदना चाहते हैं।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 05 Aug 2017 03:58 PM (IST)Updated: Sat, 05 Aug 2017 10:52 PM (IST)
रक्षाबंधन में देशी राखियों की धूम, चाइनीज राखियां बाजारों से गायब

देहरादून, [जेएनएन]: देश के प्रति चीन का जो रवैया है, उससे हर एक देशवासी में आक्रोश है। तभी तो बाजार में इस बार चाइनीज राखियों का नामोनिशान मिट गया है। ग्राहक भी दुकानदार से साफ कह रहे हैं कि चाइनीज राखियां मत दिखाना। हालांकि व्यापारियों का कहना है कि इस बार बाजार में चाइनीज राखियां हैं ही नहीं।  

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कुछ सालों से तो दीपावली, होली या रक्षा बंधन के त्योहार पर बाजार में चाइनीज उत्पादों की भरमार रहती थी। लेकिन, इसबार चीनी उत्पादों के खिलाफ एक अभियान देश में चला, जिसका असर भी दिखा। वर्तमान में चीन और भारत के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हैं। चीन की हरकतें ऐसी हैं कि हर किसी में आक्रोश है। 

देहरादून के पलटन बाजार के व्यापारी गौरव विज का कहना है कि दिल्ली में जब राखियां लेने गए तो वहां भी ना के बराबर ही चाइनीज समान है। और वह सिर्फ मेड इन इंडिया राखियां लाए हैं। अब हालात बदल चुके हैं। अब मेड इन इंडिया उत्पाद चाइनीज से बेहतर भी हैं और दाम भी ज्यादा नहीं। फिर, क्यों चाइनीज उत्पाद बेचे जाएं। कुछ समय पहले भारतीय उत्पाद महंगे थे और चाइनीज सस्ते। 

वहीं, ग्राहक प्रमिला सूरी कहती हैं कि भारत चीन के लिए बड़ा बाजार है। और दूसरी तरफ चीन हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। एक भारतीय होने के नाते चीनी उत्पादों का पूरी तरह बहिष्कार करने का फैसला लिया है। चाहे राखियां महंगी ही क्यों ना खरीदनी पड़े। 

वहीं व्यापारी प्रमोद अरोड़ा बताते हैं कि दस रुपये से लेकर 250 रुपये तक की रेंज में राखियां हैं। कुछ राखियों के साथ टैडी बियर या अन्य गिफ्ट आइटम जुड़े होते हैं, जिनकी कीमत बढ़ जाती है। 

भाभियों के लिए भी राखियां 

बाजार में भाभियों के लिए भी लुंबे, चूड़ीनुमा और ब्रेसलेट के रूप में राखियां हैं। बॉक्स में भी राखियां हैं, जिसमें एक भाई के लिए और एक भाभी के लिए। दरअसल, वर्तमान में भाभियों के लिए भी राखी भेजने और बांधने का रिवाज चल पड़ा है। अब बाजार भी इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। 

संडे को भी राखियां बांटेगा डाक विभाग 

राखियों के रूप में बहनों का प्यार भाइयों तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग ने कमर कस ली है। रविवार को भी राखियां बांटी जाएंगी और रिसीव भी की जाएंगी। समय पर राखियां पहुंचाने के लिए स्टाफ भी बढ़ाया गया है। 

मुख्य डाकघर के चीफ पोस्टर मास्टर जेपी सेमवाल का कहना है कि डाक से राखियां भेजने के उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। पिछले कुछ दिनों से डाक डेढ़ से दोगुनी हो गई है। प्रयास किया जा रहा है कि जिस दिन डाक आ रही है, उसी दिन बांट दी जाए। सोमवार को रक्षा बंधन है तो जाहिर तौर पर शनिवार और रविवार को डाक और बढ़ेगी। इसे देखते हुए रविवार को भी डाक बांटने का काम किया जाएगा। साथ ही दूसरे शहरों के लिए डाक भेजी भी जाएगी। इन कामों से जुड़े कार्मिकों को सूचित कर दिया गया है। हालांकि, रक्षा बंधन में दो दिन बचे हैं और ज्यादातर लोग स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री ही करा रहे हैं।  

ऑनलाइन भेजी जा रही थाली 

ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर एक से बढ़कर एक राखियां और थाली उपलब्ध है। आकर्षक सजी थाली में राखी, मिठाई, तिलक आदि सामग्री है। बहनें भाइयों को इसे भेज रही हैं।


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