Dehradun News: इनामी बदमाशों को पकड़ने में फिसड्डी थानेदारों की जवाबदेही होगी तय, अभियान में कम पकड़े इनामी
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर प्रदेश में एक दिसंबर से 28 फरवरी तक इनामी और गैंगस्टर के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इस अभियान में जिला पुलिस और एसटीएफ को कुल 576 इनामी बदमाशों को पकड़ने का लक्ष्य दिया गया था।
देहरादून, जागरण संवाददाता: इनामी बदमाशों को पकड़ने में फिसड्डी रहने वाले थानेदारों की जवाबदेही तय की जाएगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने इन थानों की प्रगति रिपोर्ट जिलों के कप्तानों को भेजकर जवाब मांगा है। जिला कप्तान अब इन थानों से जवाब मांगेंगे। इनामी पकड़ने में बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सम्मानित भी किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानों में रुद्रपुर और काठगोदाम हैं।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर प्रदेश में एक दिसंबर से 28 फरवरी तक इनामी और गैंगस्टर के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इस अभियान में जिला पुलिस और एसटीएफ को कुल 576 इनामी बदमाशों को पकड़ने का लक्ष्य दिया गया था। इनमें से पुलिस ने 380 इनामी बदमाशों को पकड़ा था। अब इस पूरे अभियान की समीक्षा पुलिस मुख्यालय ने की है।
अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि इनामी बदमाशों को पकड़ने में बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सम्मानित किया जाएगा। जबकि, फिसड्डी रहने वाले थानेदारों की जवाबदेही तय करने के लिए जिला कप्तानों को निर्देशित किया गया है।
फिसड्डी थानों में उन्होंने कुछेक के नाम भी गिनाएं। इनमें डोईवाला कोतवाली को 12 इनामी पकड़ने थे, लेकिन पुलिस केवल चार को ही पकड़ पाई है। इसी तरह रायपुर थाना क्षेत्र में चार इनामी बदमाश थे। इनमें से केवल एक बदमाश तक ही पुलिस का हाथ पहुंचा है।
हरिद्वार की बुग्गावाला थाना पुलिस तीन बदमाशों में से एक को ही पकड़ पाई। ऊधमसिंह नगर के ट्रांजिट कैंप को 10 बदमाश पकड़ने थे। इनमें से आधी संख्या ही पूरी हो पाई। इसी तरह रुद्रप्रयाग और बागेश्वर थाना अपने यहां के एक भी इनामी बदमाश को नहीं पकड़ पाए। इन थानों के दो-दो इनामी बदमाश थे।
अपराधियों पर समय पर नहीं होती कार्रवाई
पुलिस की ओर से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, जिसके कारण अपराधी पुलिस के चंगुल से फरार होने में कामयाब हो जाता है। देहरादून का सबसे बड़ा भूमाफिया दीपक मित्तल के खिलाफ पुलिस ने नौ मुकदमे दर्ज किए। उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई तब की गई जब वह अपनी पूरी संपत्ति बेच चुका था, अब वह फरार है, पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही है।
इसी तरह भूमाफिया मयूर जैरथ व अंशुल जैरथ पर रायपुर व नेहरू कॉलोनी थाने में तीन मुकदमे दर्ज हैं। इस मामले के शिकायतकर्ता मोहित बडोला का आरोप है कि अंशुल जैरथ विदेश में बैठकर जमीनों की अटारनी बेचकर जमीन बिकवा रहा है, लेकिन अब तक पुलिस दोनों भाइयों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज नहीं कर पाई है।