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Dehradun: हाई कोर्ट शिफ्टिंग को लेकर केंद्र सरकार ने दी सैद्धांतिक मंजूरी, नैनीताल से इस शहर में होगा शिफ्ट

Dehradun केंद्र सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित करने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस संबंध में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जानकारी दी है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmal PareekPublished: Fri, 24 Mar 2023 09:56 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 09:56 PM (IST)
हाई कोर्ट शिफ्टिंग को लेकर केंद्र सरकार ने दी सैद्धांतिक मंजूरी

जागरण संवाददाता, देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी स्थानांतरित करने के प्रदेश सरकार के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने इस संबंध में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। हल्द्वानी में हाईकोर्ट के अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होते ही केंद्र की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी।

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पर्यटन नगरी नैनीताल पर भीड़ के बढ़ते दबाव और हाईकोर्ट पहुंचने वाले व्यक्तियों को हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखकर इसे स्थानांतरित करने की मांग उठी। राज्य मंत्रिमंडल ने बीते नवंबर माह में गहन मंथन के बाद इस संबंध में निर्णय लिया था। इस निर्णय को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी का भी समर्थन प्राप्त है। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने इस संबंध में गत चार जनवरी को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय को पत्र भेजा था।

प्रदेश से प्राप्त प्रस्ताव पर केंद्र ने सकारात्मक रुख दर्शाया

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) गत दो फरवरी और मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने सात फरवरी को प्रदेश सरकार के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेजे थे। प्रदेश से प्राप्त प्रस्ताव पर केंद्र ने सकारात्मक रुख दर्शाया है।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने अपने पत्र में राज्य सरकार के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी है। पत्र में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को हल्द्वानी में हाईकोर्ट का कामकाज शुरू करने के लिए आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं जुटानी होंगी। इसमें हाईकोर्ट के न्यायाधीशों एवं स्टाफ के लिए आवासीय सुविधाएं, कामकाज और प्रशासनिक आवश्यकताओं के लिए व्यवस्था की जाएंगी।

नैनीताल से हाईकोर्ट को स्थानांतरित करने को लेकर लंबे समय से विचार किया जा रहा है। यद्यपि, इसके विरोध और पक्ष में अलग-अलग तर्क दिए जा रहे थे। नैनीताल में वादकारियों को सबसे अधिक परेशानी ठहरने व खाने को लेकर होती है। पर्यटन शहर होने के नाते नैनीताल काफी महंगा है। इसे देखते हुए आमजन के लिए यहां अपने मुकदमों के सिलसिले में आना आसान नहीं होता।

इतना ही नहीं, यहां के लिए सीधी रेल सेवा नहीं है। विशेष रूप से गढ़वाल मंडल से आने वाले व्यक्ति पहले रेल से हल्द्वानी पहुंचते हैं और फिर नैनीताल। इस कारण उनके लिए यह सफर लंबा होने के साथ ही महंगा भी है। वहीं, हल्द्वानी में इस समय काफी खुला इलाका है। हाईकोर्ट आने से यह शहर विकसित होगा और यहां रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।


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