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Dehradun: मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी के नाम पर 35 लाख रुपये ठगने वाले चार गिरफ्तार, बिहार के रहने वाले हैं आरोपी

मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ऋषिकेश के एक कारोबारी से 35 लाख रुपये ठगने वाले चार ठगों को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने बिहार से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के बैंक खाते में जमा साढ़े छह लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं।

By Soban singhEdited By: Shivam YadavThu, 23 Mar 2023 10:12 PM (IST)
Dehradun: मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी के नाम पर 35 लाख रुपये ठगने वाले चार गिरफ्तार, बिहार के रहने वाले हैं आरोपी
फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 35 लाख रुपये हड़पने वाले चार गिरफ्तार

देहरादून, जागरण संवाददाता: मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ऋषिकेश के एक कारोबारी से 35 लाख रुपये ठगने वाले चार ठगों को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने बिहार से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के बैंक खाते में जमा साढ़े छह लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं। वहीं, चारों से 12 सिम कार्ड, मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद किया गया है। चारों आरोपी बिहार के रहने वाले हैं, जो गिरोह बनाकर विभिन्न राज्यों में इसी तरह ठगी कर चुके हैं। उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं।

एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार, आशुतोष नगर ऋषिकेश निवासी प्रशांत जमदग्नि ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि 10 जनवरी 2023 को उन्होंने मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी लेने के लिए इंटरनेट मीडिया पर सर्च किया। इस दौरान उन्हें एक वेबसाइट दिखी। उक्त वेबसाइट पर दिए गए फोन नंबर पर उन्होंने संपर्क किया तो तरुण जायसवाल नामक व्यक्ति ने खुद को मैकडोनाल्ड का कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर बताया और फ्रेंचाइजी लेने की प्रक्रिया बताते हुए आवेदन करने को कहा। 

इसके बाद 16 जनवरी को उन्हें फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि मैकडोनाल्ड की फ्रेंचाइजी लेने के लिए आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। इसके लिए ठगों ने उनके कुछ दस्तावेज मंगवाए। 31 जनवरी को राहुल मैथ्यू नाम के व्यक्ति का फोन आया कि और रजिस्ट्रेशन के लिए दो लाख 65 हजार रुपये मांगे, जो उन्होंने जमा करवा दिए। 

दो फरवरी को दोबारा ईमेल आया। इस दौरान गर्वमेंट आफ इंडिया की एनओसी के लिए फार्म भरने के नाम पर उनसे नौ लाख 15 हजार रुपये जमा कराए गए। 10 फरवरी तक आरोपियों ने 35 लाख 40 हजार रुपये उनसे ले लिए। इसके बावजूद उन्होंने फ्रैंचाइजी का सर्टिफिकेट नहीं दिया और धनराशि मांगते रहे। इसके बाद उन्हें संदेह हुआ।

एसएसपी ने बताया कि आरोपियों की ओर से इस्तेमाल किए गए फोन नंबर व खातों के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई तो वह पटना के पाए गए। आरोपियों की पहचान सनी कुमार वर्मा (19 वर्ष) व सूरज कुमार (उम्र 34 वर्ष) दोनों निवासी न्यू कालोनी थाना मालसलामी पटना, बिहार, सनी कुमार (उम्र 19 वर्ष) निवासी गुलमैया चौक सबलपुर थाना नदी मोजीपुर पटना बिहार और चंदन कुमार (उम्र 19 वर्ष) निवासी जमुनापुर चाईटोली पटना बिहार के रूप में हुई। एक टीम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पटना बिहार भेजी गई, जहां से चारों को गिरफ्तार किया गया।

ठगों के खिलाफ देशभर में 100 से अधिक शिकायतें

एसएसपी ने बताया कि नेशनल डेटाबेस में जब आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि चारों ने देशभर में 100 से अधिक साइबर ठगी की हैं। 14 मुकदमे तेलंगाना व एक मुकदमा आंध्र प्रदेश में भी दर्ज है। इस गिरोह में और कितने सदस्य हैं, इसकी जांच की जा रही है।

चारों को बांटी गई है जिम्मेदारी

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनमें चंदन कुमार उर्फ विकास ने फर्जी वेबसाइट बनाई है। सनी कुमार वर्मा और सनी कुमार एटीएम के बाहर तैनात रहते हैं। ठगी की रकम खाते में आते ही वह तुरंत रुपये निकालते हैं। चौथे ठग सूरज कुमार का काम खाते खुलवाने का है। वह गरीब व्यक्तियों से दस्तावेज लेकर खाते खुलवाता है। ठगी की धनराशि इन्हीं खातों में ट्रांसफर की जाती है।