देहरादून: SDM बन लोगों से ठगी करने वाले शातिर का चालक भी हुआ गिरफ्तार, ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे
खुद को उप जिलाधिकारी (एसडीएम) बताकर एक व्यक्ति से जमीन दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपये ठगने वाले शातिर के ड्राइवर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बीते शनिवार को कोटड़ा संतौर निवासी सौरभ बहुगुणा ने प्रेमनगर थाने में तहरीर दी थी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। खुद को उप जिलाधिकारी (एसडीएम) बताकर एक व्यक्ति से जमीन दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपये ठगने वाले शातिर के ड्राइवर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बीते शनिवार को कोटड़ा संतौर निवासी सौरभ बहुगुणा ने प्रेमनगर थाने में तहरीर दी थी कि अश्वनी कुमार श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति ने खुद को एसडीएम बताकर ड्राइवर पंकज शर्मा, राजस्व पटवारी, कमल धामी व पिंकी के साथ मिलकर 15 लाख रुपये ठग लिए थे।
एसओ प्रेमनगर धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि सौरभ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपित फर्जी एसडीएम को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। पूछताछ के बाद फरार चल रहे आरोपित पंकज शर्मा को मंगलवार को खुड़बुड़ा मोहल्ला से गिरफ्तार किया गया। आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
एसओ ने बताया कि पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं। आरोपित अश्वनी कुमार श्रीवास्तव व पंकज शर्मा ने मिलकर कई व्यक्तियों से पैसे ठगे हैं। कुछ समय पहले ही पंकज शर्मा ने खुड़बुड़ा मोहल्ले में 20 लाख का मकान भी खरीदा। उन्होंने बताया कि यदि अन्य पीडि़त भी शिकायत लेकर आते हैं, तो आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी के अन्य मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
निर्माण में बाधा डालने पर तीन पर शांतिभंग का मुकदमा
शिफनकोट में मसूरी-पुरुकुल रोपवे के निर्माण कार्य में बाधा डालने के आरोप में मंगलवार को पुलिस ने तीन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। बाद में शांतिभंग करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। वहीं, अन्य प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बलपूर्वक हटा दिया।
सोमवार से शिफनकोट में रोपवे के प्लेटफार्म का निर्माण कार्य शुरू किया जाना था। इसके लिए कार्यदायी संस्था मसूरी स्काईकार कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी सुबह शिफनकोट पहुंचे। उन्होंने अभी चहारदीवारी के लिए गेट का निर्माण ही शुरू किया था कि यहां से स्थानांतरित किए गए मजदूर अपने परिवार समेत कार्यस्थल पर पहुंच गए और कार्य का विरोध करने लगे। इसके बाद मजदूरों ने जबरन कार्य बंद करा दिया था।
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