सैन्य अधिकारी बन भेजीं आपत्तिजनक तस्वीरें, युवती पर भी बनाया दबाव; ऐसा न करने पर फंसाने की दी धमकी
एक व्यक्ति ने युवती को पहले अपनी आपत्तिजनक फोटो भेजीं। बाद में युवती पर आपत्तिजनक फोटो भेजने का दबाव बनाया। फोटो न भेजने पर उसे फंसाने की भी धमकी दी। पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। खुद को सैन्य अधिकारी बताकर एक व्यक्ति ने युवती को पहले अपनी आपत्तिजनक फोटो भेजीं। बाद में युवती पर आपत्तिजनक फोटो भेजने का दबाव बनाया। फोटो न भेजने पर उसे फंसाने की भी धमकी दी। पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पटेलनगर क्षेत्र की एक युवती ने बताया कि अभिनव लायर नामक व्यक्ति ने उससे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दोस्ती की और खुद को सैन्य अधिकारी बताकर शादी का प्रस्ताव रखा। जब दोनों के बीच चेटिंग होने लगी तो उसने आपत्तिजनक फोटो भेजने का दबाव बनाया और खुद की आपत्तिजनक फोटो भेजीं।
11 सितंबर, 2020 को युवती ने आरोपित से संबंध तोड़ दिया। इसके बाद भी आरोपित युवती को लगातार परेशान करता रहा। छह नवंबर, 2020 को आरोपित ने युवती को जान से मारने की धमकी दी। युवती ने इसकी शिकायत पुलिस से की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद भी आरोपित युवती व उसके परिवार को जेल भेजने की धमकी देता रहा।
जनवरी 2021 में आरोपित ने युवती को दिल्ली या देहरादून मिलने के लिए बुलाया, लेकिन युवती ने मिलने से मना कर दिया। आरोपित ने कभी डाक्टर तो कभी सैन्य अधिकारी बनकर युवती से संपर्क करने की कोशिश की। युवती ने आरोपित के खिलाफ साइबर सेल में शिकायत दी। साइबर सेल की जांच के बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सेवानिवृत्त दारोगा के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस
सेवानिवृत्त दारोगा निर्विकार चौधरी के खिलाफ दर्ज दो केस कोर्ट के आदेश पर वापस हो गए हैं। दारोगा पर आरोप था कि 2014 में उन्होंने तत्कालीन पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उस समय वह सुर्खियों में आ गए थे। दारोगा का आरोप था कि वन विभाग की संरक्षित भूमि की खरीद फरोख्त में तत्कालीन डीजीपी की भी मिलीभगत है।
इस मामले में उन्होंने मई 2014 को एक होटल में प्रेस कांफ्रेंस की थी। ऐसे में दारोगा के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद उन्होंने टीवी चैनल में भी अपना बयान जारी कर आरोपों को दोहराया था। उस समय उन्हें निलंबित कर एक और मुकदमा दर्ज किया गया था। गत सितंबर को शासन ने इन मुकदमों को वापस लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।
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