Dehradun Crime: बैंक में ऋण देने के नाम पर लाखों का गबन, मैनेजर ने फर्जी ग्राहक दिखाकर हड़प लिए साढ़े 83 लाख
Dehradun Crime शाखा प्रबंधक पर दो दिनों में साढ़े 83 लाख रुपये गबन करने के दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अन्य शाखाओं में प्रबंधक रहते हुए गबन करने के मामले भी सामने आने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Dehradun Crime: को-आपरेटिव बैंक में ऋण देने के नाम पर लाखों का गबन करने का प्रकरण सामने आया है।
शाखा प्रबंधक पर दो दिनों में साढ़े 83 लाख रुपये गबन करने के दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। आरोपित के अन्य शाखाओं में प्रबंधक रहते हुए गबन करने के मामले भी सामने आने की संभावना है।
विश्वविजय सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया
पटेलनगर कोतवाली के एसएसआइ दीपक रावत के अनुसार, जिला को-आपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक प्रशासन मुखराम प्रसाद ने तहरीर दी कि वर्ष 2019 के दौरान नरेंद्र कुमार शर्मा निवासी पार्क रोड, देहरादून कनिष्ठ शाखा प्रबंधक (निलंबित) बैंक की माजरा शाखा में तैनात थे।
इस दौरान बैंक मुख्यालय को पता लगा कि बैंक की माजरा शाखा में गलत ढंग से ऋण दिया गया है। इस पर जांच के लिए एक टीम गठित की गई।
उप महाप्रबंधक (लेखा) विश्वविजय सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जांच अधिकारी ने 17 जनवरी 2022 को अपनी रिपोर्ट में मुख्यालय को दी। इसके आधार पर बैंक मुख्यालय ने नरेंद्र कुमार शर्मा को 17 फरवरी 2022 को निलंबित कर दिया था।
इसके बाद तीन अक्टूबर 2022 को बैंक प्रबंध समिति की बैठक हुई, जिसमें माजरा शाखा में धन के गबन के प्रकरण को गंभीरता से देखते हुए जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपित शाखा प्रबंधक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।
जांच के दौरान सामने आया कि नरेंद्र कुमार शर्मा ने शंकर थापा निवासी डाकरा बाजार, गढ़ी कैंट व संदीप कपूर निवासी हरिद्वार रोड के साथ मिलीभगत कर माजरा शाखा से आठ व्यक्तियों को ऋण पास कर 36 लाख 18 हजार रुपये का गबन किया।
सिर्फ लोन लेने को दर्शाए गए ग्राहक
विभागीय जांच में पता चला कि आरोपित बैंक प्रबंधक ने अलग-अलग ग्राहकों के नाम दर्शाकर बैंक से लोन लेकर रकम खुद गबन कर दी। जब लोन की किस्तें जमा नहीं हुईं तो मुख्यालय को भनक लगी।
जांच बैठाई गई तो जिन ग्राहकों के नाम लोन लेने के लिए दर्शाए गए थे, उनके दस्तावेज ही जमा नहीं मिले। इसमें उनके घर के पते तक सही नहीं थे। इस पर विभाग ने प्रबंधक को निलंबित कर दिया था।
इन्हें जारी किया गया ऋण
- नाम, ऋण की राशि
- विनिल कुमार, तीन लाख रुपये
- किशन पाल, दो लाख 80 हजार रुपये
- प्रियंका जोशी, तीन लाख रुपये
- राजकुमार, तीन लाख रुपये
- विजय जोशी, तीन लाख रुपये
- राहुल कुमार, तीन लाख रुपये
- विनोद टम्टा, तीन लाख रुपये
- संजय जोशी, पांच लाख रुपये
जहां तैनाती मिली वहीं कर दिया गबन
तत्कालीन शाखा प्रबंधक की नजर हर शाखा में गबन करने पर थी। उसकी जिस शाखा में तैनाती रही, वहां उसने गबन किया।
आरोपित ने जिला को-आपरेटिव बैंक शाखा घंटाघर में रहते हुए भी 17 ग्राहकों को लोन देकर 47 लाख रुपये का गबन किया था। बताया जा रहा है कि आरोपित जल्द सेवानिवृत्त होने जा रहा है, इससे पहले ही पुलिस उस पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।