उत्तराखंड: होमगार्डों के एरियर पर अभी नहीं हुआ फैसला, इस माह के अंत तक बन सकती है बात
होमगार्डों को बढ़ा हुआ मानदेय मिले एक वर्ष होने वाला है लेकिन इन्हें अभी तक एरियर नहीं मिल पाया है। कोरोना के कारण वित्तीय संसाधनों की कमी के चलते इसे जारी करने में दिक्कतें आ रही थी। हालांकि अब इसकी फाइल एक बार फिर चल निकली है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। होमगार्डों को बढ़ा हुआ मानदेय मिले एक वर्ष होने वाला है, लेकिन इन्हें अभी तक एरियर नहीं मिल पाया है। कोरोना के कारण वित्तीय संसाधनों की कमी के चलते इसे जारी करने में दिक्कतें आ रही थी। हालांकि, अब इसकी फाइल एक बार फिर चल निकली है। इसमें तकरीबन 50 करोड़ से अधिक व्ययभार आने की उम्मीद है।
प्रदेश के विभिन्न विभागों में अभी तकरीबन 6500 होमगार्ड काम कर रहे हैं। सरकार ने बीते वर्ष होमगार्डों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 600 रुपये दैनिक मानदेय देने का निर्णय लिया गया था। यह बढ़ा हुआ मानदेय उन्हें इस वर्ष जनवरी से मिल रहा है। मानदेय की बढ़ोत्तरी के साथ ही शासन ने विभाग को एरियर के संबंध में अलग से प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के निर्देशानुसार एरियर जुलाई 2017 से बढ़े हुए मानदेय के हिसाब से दिया जाना है।
इस दौरान की गई गणना में यह बात सामने आई कि प्रति होमगार्ड तकरीबन 70 से 80 हजार रुपये तक का खर्च आएगा। ऐसे में होमगार्ड निदेशालय से एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया। इसके लिए बकायदा बजट में व्यवस्था करने का प्रविधान भी किया गया। इस बीच कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते इस पर फैसला बाधित हो गया। स्थिति यह बनी की शासन ने वित्तीय स्थिति देखते हुए केवल अपरिहार्य कार्यों के लिए ही स्वीकृति प्रदान की।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: पशुपालन विभाग की योजनाओं की सुस्त रफ्तार पर मंत्री हुईं नाराज, दी ये चेतावनी
इस कारण होमगार्डों को एरियर देने का मसला लंबित होता गया। वहीं, होमगार्ड लगातार सरकार से एरियर दिए जाने की मांग कर रहे हैं। अब प्रदेश में आर्थिक स्थिति कुछ सुधरनी शुरू हुई है। ऐसे में एक बार फिर होमगार्ड्स को एरियर दिए जाने वाली फाइल पर काम शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो इस पर इस माह अंत तक कोई निर्णय लिया जा सकता है।