गढ़वाल के राज परिवारों के अस्त्र-शस्त्रों की होगी पूजा
दशहरे के मौके पर गढ़वाल की परंपराओं को बरकरार रखते हुए पुराना दरबार ट्रस्ट की ओर से शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन आज रविवार को किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून : दशहरे के मौके पर गढ़वाल की परंपराओं को बरकरार रखते हुए पुराना दरबार ट्रस्ट की ओर से शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन आज रविवार को किया जाएगा। शस्त्र पूजन में मां राजराजेश्वरी एवं गढ़वाल के राज परिवारों के अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की जाएगी।
पुराना दरबार ट्रस्ट की ओर से शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दरबार के ट्रस्टी ठाकुर भवानी प्रताप सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गढ़वाल राज्य में पंवार वंश ने दशहरे के दिन शस्त्र पूजन का विधान शुरू करवाया था। मान्यता है कि राज परिवार की ओर से दशहरे पर आयोजित होने वाले अनुष्ठानों में दक्ष, किन्नर, गंधर्व और देवी-देवता मौजूद रहते थे। महाराज कनकपाल ने चांदपुर गढ़ी में यह परंपरा शुरू की। जिसके बाद, देवलगढ़, श्रीनगर गढ़वाल एवं टिहरी में भी इसका प्रसार हुआ। बताया कि इस दिन राज अवकाश भी होता था। त्योहार के दिन जागीरदार, थोकदार एवं हक-हकूकदारी दरबार की पूजा में शामिल होते थे। राजवंशीय आराध्य देवी मां राज राजेश्वरी की पूजा के बाद शस्त्रों की पूजा होती थी। ठाकुर भवानी ने कहा कि अपनी इन्हीं परंपराओं को जीवित रखने के लिए पुराना दरबार की ओर से दशहरे के मौके पर चंद्रलोक कॉलोनी, राजपुर रोड़ स्थित म्यूजियम में सुबह 10 बजे से शस्त्र पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।