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बारिश से रिहायशी कालोनियों में हो रहा नुकसान, खौफ पैदा कर रही रिस्पना और बिंदाल

मानसून सीजन में हो रही मूसलाधार बारिश से दून की कई रिहायशी कालोनियों में भारी नुकसान हो रहा है जिससे आमजन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खासकर बिंदाल और रिस्पना नदी के किनारे बसी मलिन बस्तियों में हजारों परिवार इससे प्रभावित हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 01:10 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 01:10 PM (IST)
बारिश से रिहायशी कालोनियों में हो रहा नुकसान।

जागरण संवाददाता, देहरादून। मानसून सीजन में हो रही मूसलाधार बारिश से दून की कई रिहायशी कालोनियों में भारी नुकसान हो रहा है, जिससे आमजन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खासकर बिंदाल और रिस्पना नदी के किनारे बसी मलिन बस्तियों में हजारों परिवार इससे प्रभावित हैं। नदियों में जलस्तर बढ़ने पर उनके अंदर खौफ घर कर जाता है। वहीं, इसे कांग्रेस, यूकेडी और आम आदमी पार्टी सियासी मुद्दा बनाने में जुट गई हैं।

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बारिश के दौरान रिहायशी कालोनी में नुकसान की समस्या के निराकरण के लिए कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक राजकुमार ने मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया है।। ज्ञापन में कहा कि भारी बरसात होने के कारण लगभग पूरा शहर ही प्रभावित हो चुका है। रिस्पना व बिंदाल नदियों के किनारे की बस्ती, नाला पानी रोड, डीएल रोड, आर्यनगर, राजेश रावत कालोनी, नई बस्ती चंदर रोड, महात्मा गांधी बस्ती, नई बस्ती, नेमी रोड, तेग बहादुर रोड और बिंदाल नदी के किनारे के क्षेत्रों में बारिश के कारण नाली भरने से बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है। इन्हें ठीक कराना अति आवश्यक है।

नेशविला रोड पुल के नीचे और बिंदाल नदी के आसपास के क्षेत्रों में पानी का बहाव तेज होने के कारण क्षेत्र में रहने वालो को भारी खतरा हो गया है। नदी के किनारे पर इतने गड्ढ़े हो गए हैं कि कभी भी क्षेत्रवासियों के मकान गिर सकते हैं। यूकेडी नेताओं ने कहा कि लगभग प्रतिवर्ष बरसात में इन नदियों से भारी जन-धन की हानि होती है। करोड़ों रुपये अस्थाई सुरक्षा में व्यय किए जाते हैं, जिसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार स्थायी लाभ की व्यवस्था करे।

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