थाना बनेगा चाइल्ड फ्रेंडली, प्ले स्कूल जैसा तैयार किया जाएगा माहौल, पढ़िए खबर
दून की डालनवाला कोतवाली को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने की तैयारी चल रही है। ताकि वहां आने वाले किसी भी बच्चे को फ्रेंडली माहौल मिले।
देहरादून, रीतिका पठानिया। थाने की दीवारों पर अगर आपको कार्टून दिखें या रंग-बिरंगी चित्रकारी, तो अचंभित न हों। क्योंकि, यह देहरादून पुलिस की ओर से की जाने वाली नई पहल है। इसके तहत डालनवाला कोतवाली को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने की तैयारी चल रही है। ताकि वहां आने वाले किसी भी बच्चे को फ्रेंडली माहौल मिले। इसमें विधि विवादित नाबालिग से लेकर अपराधी या पीड़ित के साथ आने वाले बच्चे शामिल हैं।
इसके निर्माण के लिए पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) अशोक कुमार ने सीओ जया बलूनी को प्रोजेक्ट का नोडल अफसर बनाया है। बता दें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश हैं कि प्रत्येक जिले में चाइल्ड फ्रेंडली थाना बनाया जाए।
सभी थाने बनेंगे चाइल्ड फ्रेंडली
बाल आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि बाल आयोग ने पांच-छह माह पहले पुलिस विभाग के साथ बैठक की थी। जिसमें तय हुआ था कि मॉडल के तौर पर डालनवाला कोतवाली को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाएगा। इसके लिए बजट की व्यवस्था बचपन बचाओ आंदोलन करेगा। यहां जितना बजट खर्च होगा, उसी के आधार पर अन्य थानों को भी चाइल्ड फ्रेंडली बनाने के लिए पैसा खर्च किया जाएगा।
बचपन बचाओ आंदोलन ने की बजट की मांग
पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि दून में चाइल्ड फ्रेंडली थाना बनाने की पहल बचपन बचाओ आंदोलन के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने ही दून में थाना बनाने के लिए सीएसआर के तहत बजट उपलब्ध कराने की मांग की थी। जिसे स्वीकार भी किया जा चुका है। बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत अन्य कई राज्यों में चाइल्ड फ्रेंडली थाना बन चुके हैं।
दो दिसंबर को होगी बैठक
प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार करने के लिए दो दिसंबर को बैठक बुलाई गई है। जिसमें पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित, एसएसपी व अन्य पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में जिसमें चाइल्ड फ्रेंडली थाने के डिजाइन और फंड आदि बिंदुओं पर चर्चा की जाएगा।
प्ले स्कूल जैसा होगा थाने का माहौल
डालनवाला प्रदेश का ऐसा पहला चाइल्ड फ्रेंडली थाना होगा, जहां बच्चों के लिए झूले, खिलौने उपलब्ध रहेंगे। उनका मन बहलाने के लिए उन्हें चॉकलेट भी दी जाएगी। थाने में बच्चों को तनाव मुक्त रखने के लिए प्रेरक प्रसंग वाली पुस्तकें भी उपलब्ध होंगी। साथ ही इस कमरे में पुलिस कर्मी सादे वेश में मौजूद रहेंगे।
ताकि उन्हें देखकर बच्चे डरने की बजाय आराम से बैठ सकें। उन्होंने बताया कि पीड़ित या किसी घटना से जुड़े बच्चे पूछताछ के लिए जब थाने में आते हैं तो वह डर जाते हैं। उन्हें अपराध बोध भी होने लगता है। उनके उनके मन से यही बात निकालने के लिए चाइल्ड फ्रेंडली थाने का निर्माण किया जा रहा है।
चाइल्ड फ्रेंडली थाने में रहेगी यह सुविधाएं
- थाने में बालिकाओं के लिए पिंक और बालकों के लिए ब्लू कार्नर बनाया जाएगा।
- बच्चों को प्रेरक प्रसंग वाली पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
- थाने में ही बच्चों का मेडिकल होगा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
- उनके मन के डर को दूर करने के लिए पुलिस कर्मी सादी वर्दी में मौजूद रहेंगे।
- चाइल्ड फ्रेंडली रूम में ही स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट बनाई जाएगी।
- बच्चों के निश्शुल्क खाना उपलब्ध करवाया जाएगा।
जल्द पूरी होगी प्रक्रिया
पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार के मुताबिक, थानों में पेशेवर अपराधियों को देखकर बच्चे सहम जाते हैं। उन्हें भयमुक्त माहौल देने के लिए प्रयोग के तौर पर डालनवाला कोतवाली को चाइल्ड फ्रेंडली थाने के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी।
बच्चों के मन में गलत प्रभाव दूर करने को पहल
दून की अपर पुलिस अधीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था ममता बोहरा के अनुसार, थाने में आकर बच्चे के मन पर कई बार गलत प्रभाव पड़ता है। उन्हें इससे दूर रखने के लिए चाइल्ड फ्रेंडली थाने का निर्माण किया जा रहा है।
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थाने में ही होगा समस्या का निदान
उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी के मुताबिक, थाने में ही बच्चों को सीडब्ल्यूसी की टीम, डॉक्टर, विधि से जुड़े लोग मौजूद रहेंगे। ताकि वहीं पर जल्द से जल्द उनकी समस्या का निस्तारण किया जा सके।
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