मुख्य सचिव ने जिलों-तहसीलों पर मांगी रिपोर्ट
प्रदेश के नए जिलों के साथ ही नई तहसीलों-उप तहसीलों के गठित समितियों ने अब तक अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश के नए जिलों के साथ ही नई तहसीलों-उप तहसीलों के गठित समितियों ने अब तक अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है। सरकार ने उक्त संबंध में राजस्व परिषद अध्यक्ष की अध्यक्षता में समितियां गठित की हैं। अब मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सोमवार को राजस्व परिषद अध्यक्ष को रिमाइंडर भेजकर रिपोर्ट के बारे में जानकारी तलब की है।
प्रदेश में नए जिलों के साथ ही नई तहसीलों-उप तहसीलों के गठन की मांग लंबे अरसे से उठती रही है। इस बीच सरकार ने तहसीलों व उप तहसीलों का गठन तो किया, लेकिन जिलों का पुनर्गठन नए जिलों को आकार देने का साहस सरकार अब तक नहीं उठा पाई है। हालांकि नए जिलों के गठन से पहले निचले स्तर पर छोटी प्रशासनिक इकाई के रूप में तहसीलों और उप तहसीलों के पुनर्गठन की पुरजोर पैरवी की गई। तहसीलों व उप तहसीलों के पुनर्गठन पर रिपोर्ट देने को सरकार ने नौ अगस्त, 2018 को राजस्व परिषद अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की थी। इस समिति में आयुक्त व परिषद के सचिव के साथ गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों के मंडलायुक्तों को शामिल किया गया।
सरकार ने समिति को 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन अब करीब सवा साल का वक्फा गुजरने के बाद भी सरकार को उक्त रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने राजस्व परिषद अध्यक्ष को सोमवार को रिमाइंडर जारी किया है। इसमें उक्त संबंध में रिपोर्ट जल्द देने के निर्देश दिए गए हैं। इसीतरह जिलों के पुनर्गठन के संबंध में गठित समिति को भी जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। राजस्व सचिव सुशील कुमार की ओर से जारी आदेश में जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। दरअसल प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं इस साल के आखिर तक परिवर्तित हो सकती हैं। जनगणना-2021 के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य को निर्देश दिए हैं कि निकायों, राजस्व ग्रामों, जिलों व तहसीलों की सीमाओं में परिवर्तन के प्रस्तावों पर 31 दिसंबर तक हर हाल में अंतिम निर्णय ले लिया जाए। एक जनवरी 2020 से 31 मार्च 2021 तक प्रशासनिक इकाइयों के परिसीमन में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं होगा।