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उत्तराखंड में फसल क्षति से परेशान किसानों को मिलेगी ज्यादा राहत

उत्तराखंड में आने वाले दिनों में आपदा से फसल क्षति से परेशान किसानों को अधिक राहत मिल सकेगी। सरकार फसल कटाई आंकड़े जुटाने की व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है।

By Edited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 02:59 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 01:21 PM (IST)
उत्तराखंड में फसल क्षति से परेशान किसानों को मिलेगी ज्यादा राहत
उत्तराखंड में फसल क्षति से परेशान किसानों को मिलेगी ज्यादा राहत

देहरादून, केदार दत्त। उत्तराखंड में आने वाले दिनों में आपदा से फसल क्षति से परेशान किसानों को अधिक राहत मिल सकेगी। इसके दृष्टिगत सरकार फसल कटाई आंकड़े (क्रॉप कटिंग डाटा) जुटाने की व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। इसमें मैदानी क्षेत्र में गांव व पहाड़ में न्याय पंचायत इकाई होगी। आंकड़े जुटाने के मद्देनजर मैदानी क्षेत्र में यह कार्य आउट सोर्स पर दिया जा रहा, जबकि पर्वतीय क्षेत्र में न्याय पंचायत स्तर पर वेदर स्टेशन लगाकर आंकड़े जुटाए जाएंगे। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक वेदर स्टेशन के संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है।

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आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है, मगर आपदा के तय मानकों की श्रेणी में न आने से किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं मिल पाती। आपदा से फसल क्षति 33 फीसद या इससे अधिक होने पर ही मुआवजा देने का प्रविधान है। इसमें भी फसल कटाई के आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति का निर्धारण होता है। इसके साथ ही फसल बीमा में भी क्षतिपूर्ति निर्धारण में इन आंकड़ों का प्रयोग किया जाता है।

इस बीच ये शिकायतें निरंतर आती रही हैं कि किसानों को प्रभावित क्षेत्र के आधार पर मुआवजा अथवा बीमा राशि नहीं मिल पाती। वजह ये कि किसी क्षेत्र में आपदा से कम या ज्यादा नुकसान होता है। ऐसे में जब इकाई के आधार पर आकलन होता है तो यह मानक से काफी कम बैठती है। यदि कहीं 33 फीसद से ज्यादा क्षति होती है तो वहां भी फसल कटाई आंकड़ों के आधार पर निर्धारण से राशि कम हो जाती है।

इस सबको देखते हुए सरकार ने फसल कटाई के आंकड़े जुटाने की व्यवस्था में बदलाव का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक इसके लिए बजट में तीन करोड़ का प्रविधान किया गया हे। अब ये तय किया गया है कि मैदानी क्षेत्र में गांव को इकाई मानते हुए वहां आउट सोर्स के जरिये फसल कटाई के आंकड़े जुटाए जाएंगे। पर्वतीय क्षेत्र में न्याय पंचायत को इकाई मानकर वहां वेदर स्टेशन लगाए जाएंगे। वेदर स्टेशन से मिलने वाले आंकड़ों के आधार पर क्षति का आकलन किया जाएगा।

कृषि मंत्री ने बताया कि सभी 670 न्याय पंचायतों में वेदर स्टेशन लगाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रत्येक वेदर स्टेशन में केंद्र व राज्य 50-50 फीसद राशि वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह नई व्यवस्था होने पर अधिक संख्या में किसानों को क्षतिपूर्ति मिलेगी तो बीमा सुविधा का लाभ भी मिलेगा।

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क्या हैं फसल कटाई आंकड़े

वर्तामन में फसल कटाई आंकड़ों के लिए पर्वतीय क्षेत्र में तहसील और मैदानी क्षेत्र में न्याय पंचायत इकाई है। इसके तहत क्षेत्र विशेष में कुछ खेतों का चयन कर राजस्व व कृषि विभाग द्वारा फसल की कटाई कराकर उत्पादकता निकाली जाती है। इसी के आधार पूरे न्याय पंचायत व तहसील क्षेत्र में फसल उत्पादकता का अनुमान लगाया जाता है।

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