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मंत्रि परिषद ने जगाई बेहतर भविष्य की नई उम्मीदें, पढ़िए पूरी खबर

मंत्रिपरिषद की बैठक में जिसतरह पलायन की रोकथाम कौशल विकास रोजगार सृजन और जल संवद्र्धन-संरक्षण पर चर्चा हुई उसे इन उम्मीदों को बेहतर भविष्य जरूर दिखाई पड़ा है।

By Edited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 09:53 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2019 01:21 PM (IST)
मंत्रि परिषद ने जगाई बेहतर भविष्य की नई उम्मीदें, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। पौड़ी में मंत्रिमंडल की बैठक में पलायन, कृषि, पेयजल समेत बुनियादी सुविधाओं की बदहाली, रहन-सहन की गुणवत्ता का निम्न स्तर, रोजगार और आजीविका के साधनों की नितांत कमी जैसी पर्वतीय क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं के समाधान का ठोस रोडमैप सामने आने की पर्वतीय जनता की उम्मीदें भले ही अधूरी रह गई हों, लेकिन मंत्रिपरिषद की बैठक में जिसतरह पलायन की रोकथाम, कौशल विकास, रोजगार सृजन और जल संवद्र्धन-संरक्षण पर चर्चा हुई, उसे इन उम्मीदों को बेहतर भविष्य जरूर दिखाई पड़ा है। 

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गढ़वाल कमिश्नरी पौड़ी की गोल्डन जुबली के मौके पर वहां मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ गिने-चुने फैसलों को छोड़कर पर्वतीय क्षेत्रों की दशा-दिशा में सुधार लाने के लिए ठोस उपायों अथवा कार्ययोजना को मंजूरी मिलने की जनता की उम्मीद पूरी नहीं हो सकीं। दरअसल, मंत्रिमंडल ने वहीं फैसले लिए, जिन पर विभागों और मंत्रालयों की ओर से मशक्कत की गई। पर्वतीय क्षेत्रों की समस्या से निपटने के संबंधित विभाग भी ठोस रोडमैप को अंतिम रूप नहीं दे पाए हैं। हालांकि मंत्रिमंडल से ऐन पहले मंडल मुख्यालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में भविष्य की चुनौतियों के अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। 

काबीना मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिपरिषद में ग्राम्य विकास, पलायन पर नियंत्रण, पेयजल, स्वच्छता एवं कौशल विकास, स्वरोजगार विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। संबंधित महकमों की ओर से पर्वतीय क्षेत्रों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। पलायन आयोग प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से बढ़ते पलायन की समस्या के कारकों को विस्तार से बता चुका है। आयोग की ओर से समस्या के समाधान के सुझाव भी दिए गए हैं। इन सुझावों को लेकर ग्राम्य विकास विभाग की ओर से प्रस्तुतीकरण के आधार पर भविष्य के लिए रोडमैप बनाने की तैयारी है। इसे आगे मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जा सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या आजीविका और रोजगार के साधनों का अभाव है। इस समस्या के समाधान की राह कौशल विकास के जरिये सुझाई गई है। यह कौशल विकास पर्यटन समेत विभिन्न रोजगारपरक क्षेत्रों के लिए जरूरी माना जा रहा है। 

पर्वतीय क्षेत्र की बड़ी समस्या पेयजल और सिंचाई सुविधा की कमी है। पर्वतीय गांवों में पेयजल की कमी के चलते बड़ी संख्या में गांवों के जनशून्य होने की बात पलायन आयोग ने भी कही है। ऐसे में सरकार के सामने पर्वतीय गांवों में जल संवर्द्धन और जल के संरक्षण की चुनौती है। एक प्रस्तुतीकरण में इन संभावनाओं को भी खंगाला गया है। 

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