पशु सेवा में भी जुटे हैं रोशन और बद्री, फिर घरों में गूंजा मंगल भवन अमंगल हारी...
रोशन रतूड़ी और ईओ बद्री प्रसाद भट्ट इन दिनों न सिर्फ लोगों को भोजन मुहैय कराते हैं बल्कि बेसहारा जानवरों का भी ख्याल रखते हैं।
ऋषिकेश, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया तो मुनिकीरेती नगर पालिका क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में बेसहारा और बेघर लोगों के आगे संकट पैदा हो गया। ऐसे में नगर पालिका क्षेत्र में व्यवस्थाओं का जिम्मा पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी और अधिशासी अधिकारी बद्री प्रसाद भट्ट ने संभाला है। पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी व ईओ बद्री प्रसाद भट्ट इन दिनों सुबह सात बजे मैदान में उतर आते हैं। नगर पालिका प्रतिदिन करीब 600 से 700 लोगों का भोजन तैयार कर उन्हें क्षेत्र में जगह-जगह बांटने का काम कर रही है। यही नहीं एक टीम क्षेत्र के निराश्रित पशुओं को चारा खिलाने के लिए भी निर्धारित की गई है, जो क्षेत्र में करीब 125 निराश्रित पशुओं को चारा मुहैया करा रही है। चारा ही नहीं बल्कि रामझूला और आसपास क्षेत्र में लंगूर और बंदरों और कुत्तों को भी नगर पालिका की ओर से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
दिन भर की व्यस्तताओं के बाद रात्रि 11 बजे पालिकाध्यक्ष और ईओ अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ बैठक कर अगले दिन की रणनीति तैयार करते हैं, जिसके बाद यह दोनों अपने घरों को लौटते हैं। पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने बताया कि लीडर के तौर पर वह भले ही प्रतिदिन का कार्यक्रम तय कर रहे हैं, मगर असल हीरो वह कर्मचारी हैं, जो इन दिनों 12-12 घंटे का काम कर रहे हैं। इनमें पर्यावरण मित्रों की भूमिका और भी अहम है।
शत प्रतिशत लॉकडाउन होगा तो करेंगे होम डिलीवरी
पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने बताया कि सौ फीसद लाकडाउन की स्थिति में नगर पालिका ने लोगों तक जरूरी सामान घर पर ही होम डिलीवरी देने की पूरी कार्ययोजना तैयार कर दी है। आपूर्ति करने वाले दुकानदारों और स्वयंसेवियों को तैयार रखा गया है।
रामायण का प्रसारण फिर शुरू
टेलीविजन इतिहास के सबसे लोकप्रिय धारावाहिकों में सुमार रामायण का प्रसारण शनिवार से एक बार फिर शुरू हो गया। दशकों बाद एक बार फिर से घरों में मंगल भवन अमंगल हारी..गीत की धुन गूंज उठी। इस लोकप्रिय धारावाहिक को देखने के लिए अभी भी लोगों में वही उत्साह नजर आया।
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शांति नगर ढालवाला निवासी बिजेंद्र कोठियाल ने बताया कि अस्सी के दशक में जब रामायण का प्रसारण हुआ था, तब घर में टेलीविजन नहीं था। तब रविवार को रामायण देखने के लिए खास तौर पर दूसरे घरों में जाना पड़ता था। इंदिरा नगर निवासी सुशील सेमवाल ने बताया कि रामायण वास्तव में एक ज्ञानवर्धक व सीख देने वाला धारावाहिक है। लोकेश झा ने बताया कि रामायण के प्रसारण को लेकर आज भी वह उतने ही रोमांचित थे, जितने तीन दशक पहले होते थे। निश्चित रूप से नई पीढ़ी को इससे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
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