coronavirus: सूबेदार ने भी जीती जंग, मजबूत इम्यूनिटी और फिटनेस से हराया covid-19 को
सैन्य अस्पताल में भर्ती सूबेदार ने बहुत कम समय में कोरोना से जंग जीत ली है। लगातार दो रिपोर्ट लगातार निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है।
देहरादून, जेएनएन। जमातियों के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पर इस बीच राहत की बात यह है कि शुरुआत में कोरोना के जो सात मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए थे उनमें पांच स्वस्थ्य हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित सेना का सूबेदार भी इनमें एक है। गढ़ी कैंट स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती सूबेदार ने बहुत कम समय में कोरोना से जंग जीत ली है। लगातार दो रिपोर्ट लगातार निगेटिव आने के बाद उन्हें सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। हालांकि अगले दो सप्ताह तक वह होम क्वारंटाइन रहेंगे।
राजस्थान निवासी सूबेदार बीती दस मार्च को चकराता स्थित सेना की टू-टू बटालियन में लौटे थे। इसके अगले पंद्रह दिन वह यूनिट में ही रहे। तबीयत खराब होने पर वह 26 मार्च को सैन्य अस्पताल में भर्ती हुए। जहां पर उनका सैंपल लिया गया और 29 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सेना के एक जेसीओ के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर यूनिट के कई अधिकारी व जवानों को क्वारंटाइन कर दिया था। हालांकि इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई।
बताया गया कि कोरोना संक्रमित 49 वर्षीय सूबेदार राजस्थान में किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से इस बीमारी की चपेट में आए। बहरहाल, सैन्य अस्पताल में ग्यारह दिन भर्ती रहे सूबेदार ने इस जानलेवा वायरस से जंग जीत ली है। इसके पीछे सैन्य अस्पताल के चिकित्सकों के अथक प्रयास और सूबेदार की अच्छी फिटनेस और बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी रही है। नियमित रूप से शारीरिक कसरत (पीईटी) करना और खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाना भी सेना के जवान की दिनचर्या में शामिल होता है।
जानकारी के अनुसार अस्पताल में भर्ती के दौरान भी सूबेदार ने खुद की शारीरिक और मानसिक क्षमता को मजबूत बनाए रखा। वहीं, अपनी डाइट का भी पूरा ख्याल रखा। हालांकि, अस्पताल में भर्ती के दौरान उन्हें खांसी, जुकाम और बुखार की मामूली शिकायत ही हुई थी। सांस लेने में भी ज्यादा तकलीफ नहीं हुई। चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने भी उनका भरोसा बनाए रखा। शायद यही वजह की अस्पताल से डिस्चार्ज होते समय वह सैन्य अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ का आभार जताना नहीं भूले।
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