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coronavirus: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल आइसीयू का प्रशिक्षण, मैदान में उतरेंगे 57 युवा डॉक्टर

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोरोना के उपचार के लिए आरक्षित किया गया है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन ने भी इस चुनौती से पार पाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 08:07 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 08:07 PM (IST)
coronavirus: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल आइसीयू का प्रशिक्षण, मैदान में उतरेंगे 57 युवा डॉक्टर
coronavirus: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल आइसीयू का प्रशिक्षण, मैदान में उतरेंगे 57 युवा डॉक्टर

देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोरोना के उपचार के लिए आरक्षित किया गया है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन ने भी इस चुनौती से पार पाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। एक तरफ जहां 50 बेड का नया आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है, नए आइसीयू पर भी काम चल रहा है। इसी कड़ी में अब अस्प्ताल के चिकित्सकों और स्टाफ के दो बैच को रोजाना प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक बेच में पांच-पांच डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ होगा।

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वहीं,  कोरोना से जंग के लिए 57 युवा डॉक्टर भी मैदान में उतरने को तैयार हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती ने इन डॉक्टरों की तैनाती के आदेश जारी कर दिए। यह सभी बॉन्डधारी चिकित्सक हैं, जो अभी हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से पास आउट हुए हैं। इन्हें अगले 25 दिन के भीतर तैनाती स्थल पर ज्वाइन करना होगा। 

प्राचार्य डॉ. आशुतोष सायना ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए और मरीजों को उच्च स्तर की सुविधाएं दी जानी हैं। जिसके लिए दून मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय के सभी पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सकों को डमी/ मैनीकविन में आइसीयू का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण शुक्रवार से शुरू कर दिया गया है। एक दिन में दो बैच को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक बैच में 5-5 डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ होगा। प्रशिक्षण देने वाली टीम का नेतृत्व खुद वह करेंगे। उनके साथ डॉ. एमके पंत और अन्य संबंधित लोग रहेंगे। इसके अलावा प्राचार्य ने कोरोना से निपटने के लिए लंबी अवधि के लिए चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ व स्टाफ नर्स की भी अलग-अलग टीम तैयार कर ली गयी है।

कोरोना से जंग को मैदान में उतरेंगे 57 युवा डॉक्टर

स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि यह तैनाती पूर्ण रूप से अस्थाई होगी और बिना किसी पूर्व सूचना के इनकी सेवा समप्त की जा सकती है। संबंधित चिकित्सक बिना अनुमति के पीजी पाठ्यक्रम करते हैं तो उन पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इन चिकित्सकों को समस्त चिकित्सकीय दायित्वों का निर्वाहन करना अनिवार्य होगा। इसके तहत चिकित्सालयों में सेवा देना, मेडिकोलीगल प्रकरण की जांच कर प्रतिवेदन देना, राष्ट्रीय कार्यक्रम को संपादित करना, महामारी नियंत्रण आदि समस्त कार्य में योगदान देना होगा।

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कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से कुल तीन या पांच वर्ष जितनी अवधि के लिए बॉन्ड भरा है तब तक तैनात माने जाएंगे। इन्हें जनपद देहरादून, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग, बागेश्वर, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और टिहरी गढ़वाल में तैनाती दी गई है। सभी संबंधित जनपदों के मुख्य चिकत्साधिकारी को रिपोर्ट करेंगे। बांड के तहत अगर वह ज्वाइन नहीं करते तो शपथ पत्र की शर्तों के उल्लंघन के फलस्वरूप उनसे वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

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