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देहरादून में 37 दिन में कोरोना का चरम, 26 दिन में निम्नतम स्तर पर

10 मार्च को दून बेहद राहत महसूस कर रहा था। राहत की बात भी थी क्योंकि 1418 व्यक्तियों की जांच में कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया था। सरकारी मशीनरी लंबी कसरत के बाद सुस्ताने और ठप पड़ी गतिविधियों को गति देने में जुट गई थी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 12:22 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 12:22 PM (IST)
देहरादून में 37 दिन में कोरोना का चरम, 26 दिन में निम्नतम स्तर पर
देहरादून के बिंदाल पुल स्थित ओमकार प्लाजा में कोविड टेस्ट कराते लोग।

सुमन सेमवाल, देहरादून। 10 मार्च को दून बेहद राहत महसूस कर रहा था। राहत की बात भी थी, क्योंकि 1418 व्यक्तियों की जांच में कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया था। सरकारी मशीनरी लंबी कसरत के बाद सुस्ताने और ठप पड़ी गतिविधियों को गति देने में जुट गई थी। लोग भी बेपरवाह होकर सैर-सपाटे और मेल-मिलाप में व्यस्त हो गए थे। मार्च माह का यही एकमात्र दिन था, जब संक्रमण का एक भी केस रिपोर्ट नहीं किया गया।

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हालांकि, छिटपुट केस आ रहे थे और पूरे मार्च माह में संक्रमण दर पांच से नीचे बनी रही। किसे पता था कि यह बेपरवाही दूसरी लहर को न्योता दे रही थी। सरकारी मशीनरी की तंद्रा तब टूटी, जब एक अप्रैल को संक्रमण दर 6.68 फीसद को पार कर गई। इसके बाद संक्रमण दर निरंतर बढ़ती गई और 21 अप्रैल को यह 20 फीसद को पार कर गई थी। मई में कोरोना अधिक रफ्तार से बढ़ा और सात मई को 34.34 फीसद का चरम बना दिया।

इस तरह देखें तो पहली अप्रैल से ही दूसरी लहर का प्रभाव दिखने लगा था और सात मई तक 37 दिन के भीतर यह चरम पर पहुंच गया। अच्छी बात रही कि संक्रमण दर 20 फीसद के करीब पहुंचने तक सरकारी मशीनरी एक्शन मोड में आ गई थी और 26 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू भी प्रभावी कर दिया गया था। कर्फ्यू में जब सख्ती बढ़ती गई तो कोरोना भी उसी अनुपात में घटने लगा। बुधवार के आंकड़ों पर गौर करें तो चरम पर जाने के बाद 26 दिन के भीतर संक्रमण दर अब तक के निम्नतम स्तर पर आ गई है।

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85 यूनिट रक्त एकत्र

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मिशन रक्तदान में बड़ी संख्या में युवा शामिल हो रहे हैं। बुधवार को अपणूं बाजार रामलीला मैदान, डांडा लखोंड में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 85 यूनिट रक्त एकत्र हुआ। इस मौके पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया है कि कोरोना के इस संकट काल में पूरे प्रदेश में कहीं भी रक्त की कमी नहीं होने दी जाएगी। इस दौरान महापौर सुनील उनियाल गामा, सीताराम भट्ट समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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