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देहरादून में नॉन कोविड अस्पताल में भर्ती मिले कोरोना संक्रमित

जिला प्रशासन की छापेमारी में जीएमएस रोड स्थित मृत्युंजय क्रिटिकल हॉस्पिटल में एक मामला पकड़ा गया है। नॉन कोविड अस्पताल होते हुए भी यहां चार कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया गया था। जिला प्रशासन ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति सीएमओ को भेज दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 11:30 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 11:30 AM (IST)
मृत्युंजय अस्पताल में छापेमारी के दौरान जानकारी जुटाते सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान व उपजिलाधिकारी गोपालराम बिनवाल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। जिन अस्पतालों का कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत अधिग्रहण किया गया है, वहीं कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का उपचार किया जा सकता है। इसके बाद भी कुछ अस्पताल मनमर्जी कर कोरोना संक्रमितों को भर्ती कर अन्य मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिला प्रशासन की छापेमारी में जीएमएस रोड स्थित मृत्युंजय क्रिटिकल हॉस्पिटल में ऐसा ही मामला पकड़ा गया है। नॉन कोविड अस्पताल होते हुए भी यहां चार कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया गया था। जिला प्रशासन ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को भेज दी है।

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जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, मृत्युंजय अस्पताल के खिलाफ कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को भर्ती करने की शिकायत मिली थी। सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान व उपजिलाधिकारी सदर गोपालराम बिनवाल की टीम ने यहां छापेमारी की। शिकायत सही पाई गई और पता चला कि अस्पताल पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को भी भर्ती कर रहा था। यह कोविड-19 के प्रोटोकॉल व केंद्र की गाइडलाइन के खिलाफ है। 

मरीज रहेंगे भर्ती, सामान्य को प्रवेश नहीं

मरीजों की स्थिति को देखते हुए उन्हें फिलहाल शिफ्ट नहीं किया गया है। साथ ही अस्पताल प्रशासन को हिदायत दी गई है कि वह सामान्य मरीजों को भर्ती नहीं करेगा। 

अस्पताल का किया जा सकता है अधिग्रहण

मृत्युंजय अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता है और यहां आइसीयू बेड भी हैं। छापेमारी के क्रम में अस्पताल के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी, मगर इसके साथ जिला प्रशासन अस्पताल का अधिग्रहण भी कर सकता है। यदि ऐसा किया जाता है तो इससे कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के उपचार को अतिरिक्त सुविधा मिल सकेगी। इसी तरह प्रशासन अन्य इच्छुक अस्पतालों से भी संपर्क कर उनका अधिग्रहण कोविड अस्पताल के रूप में कर सकता है। 

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