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बेटा पढ़ रहा था नमाज, पिता को लगा एक्सरसाइज कर रहा है; ‘द केरल स्टोरी’ देखने के बाद हुआ था हरकतों पर शक

चार वर्षों से घर में बंद रहकर एक युवक किस तरह से इंटरनेट के जरिए कट्टरपंथियों के बहकावे में आकर ब्राह्मण होते हुए भी मुस्लिम धर्म को सबकुछ मानने लगा। इस घटना के उजागर होने के बाद से ही क्षेत्र में हर कोई अचंभित हैं।

By Soban singhEdited By: Shivam YadavPublished: Sat, 10 Jun 2023 11:00 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 11:00 PM (IST)
अन्य लोग भी अपने बच्चों के ऐसे मामले में सतर्क नजर आ रहे हैं।

डोईवाला (जागरण टीम): चार वर्षों से घर में बंद रहकर एक युवक किस तरह से इंटरनेट के जरिए कट्टरपंथियों के बहकावे में आकर ब्राह्मण होते हुए भी मुस्लिम धर्म को सबकुछ मानने लगा। इस घटना के उजागर होने के बाद से ही क्षेत्र में हर कोई अचंभित हैं। अब अन्य लोग भी अपने बच्चों के ऐसे मामले में सतर्क नजर आ रहे हैं।

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गुरुवार को डोईवाला क्षेत्र के बुल्लावाला स्थित गांव की गढ़वाली कॉलोनी में रहने वाला हिंदू ब्राह्मण युवक वैभव बिजल्वाण किस तरह से मुस्लिम धर्म के प्रति प्रेरित हुआ और उसने उर्दू के साथ ही फारसी भाषा भी घर में रहकर ही सीख ली। साथ ही वह घर में रहकर ही नमाज पढ़ने के साथ ही विभिन्न आयतें लिखकर दीवारों पर चिपकाने लगा।

कमरे में रखी मुस्लिम धर्म की किताबें

वैभव के पिता कृष्णा बिजल्वाण के अनुसार, उनकी बेटी ने उन्हें बताया कि वैभव नमाज पढ़ने की तरह की हरकतें करता है। एक दो बार उन्होंने भी उसे इस तरह करते देखा तो उन्हें लगा कि यह एक्सरसाइज कर रहा है, लेकिन जब उसके कमरे में रखी एक कॉपी में मुस्लिम धर्म के संबंध में तमाम जानकारियां देखी तो इसके मुस्लिम धर्म के प्रति प्रेरित होने की जानकारी मिली। 

न नमस्ते करता और न ही पैर छूता था

उन्होंने बताया कि यह ना ही किसी को नमस्ते करता था और ना ही किसी के पैर छूता था। इसके अंदर सारी हरकतें मुस्लिमों की तरह की आ गई थी। अपने इकलौते बेटे का इस तरह बदलता रूप देखकर बीमारी से जूझ रहे पिता भी मायूस नजर आ रहे हैं और उन्होंने अन्य लोगों से भी अपील की है कि वह अपने बच्चों को लेकर पूरी तरह सावधानी बरतें और उनका ध्यान दें।

पिता को आशंका- नाबालिग रहते ही कर दिया था ब्रेनवाॅश

वैभव के पिता कृष्ण बिजलवान ने आशंका जताई है कि उनके बेटे का संभवत: नाबालिग रहते ही किसी ने ब्रेनवाॅश किया है। उन्होंने बताया कि वह विदेश में नौकरी करने के साथ वैभव को पढ़ाई के लिए लगातार रुपये भेजते रहे। इन रुपयों का वह क्या कर रहा था यह उन्हें पता नहीं लगा। जब तीन चार साल हो गए तो उन्होंने पता किया कि उनका बेटा क्या कर रहा है और कौन सी डिग्री ले रहा है, लेकिन पूछने पर वैभव ने कभी कुछ नहीं बताया। कोरोना काल के बाद से यह जब घर में रहने लगा तो उसके बाद यह बाहर नहीं निकला। केवल नित्य कार्य व खाना खाने के लिए ही बाहर निकलता था।

द केरल स्टोरी देखने के बाद आदत पर हुआ शक

कृष्ण बिजलवान ने बताया कि वैभव की कुछ आदतें उन्हें पिछले कुछ समय से बड़ी बेचैन कर रही थी। दरअसल, वैभव के उठने-बैठने और बात करने के लहजे में काफी परिवर्तन आ गया था। शुरुआत में उसकी यह हरकत सभी को अजीब तो लगी, मगर किसी को इसके पीछे के करण का पता नहीं चला। जब परिवार वालों ने द केरल स्टोरी मूवी में देखा तो जाना कि इस तरह की आदतें मुस्लिम धर्म के लोगों में आम होती हैं।

उर्दू, फारसी में एक्सपर्ट हो गया था वैभव

कमरे में रहकर ही इंटरनेट मीडिया के जरिए वैभव उर्दू व फारसी भाषा में एक्सपर्ट हो गया था। पिता ने जब उससे उर्दू भाषा सीखने के संबंध में पूछा तो उसने कहा कि विदेश जाएगा तो वहां जरूरत पड़ेगी।

कट्टरपंथियों के झांसे में फंसा वैभव

वैभव के पिता को शक है कि उनका बेटा कोरोना से पहले नौकरी ढूंढ रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन जॉब करने के लिए यह किसी के झांसे में आ गया। इसके व्यवहार में बदलाव आया। उन्होंने बताया कि एक जगह नौकरी के प्लेसमेंट के लिए बेटे के कहने पर उन्होंने 50 हजार रुपये भी दिए थे, लेकिन तीन-चार महीने हो जाने के बावजूद नौकरी न मिलने पर जब टोका तो बेटा मुझे ही पीटने लगा। उसके व्यवहार में कई तरह के परिवर्तन आ गए थे।


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