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श्रम कानून का पालन नहीं करने पर रद होगा अनुबंध

केंद्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की टीम ने दून में नगर निकायों और विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक ली।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 08:41 PM (IST)
श्रम कानून का पालन नहीं करने पर रद होगा अनुबंध
श्रम कानून का पालन नहीं करने पर रद होगा अनुबंध

जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की टीम ने दून में नगर निकायों और विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में सफाई कर्मचारियों के हित से जुड़े कई मुद्दों पर आयोग ने नगर पालिकाओं को सख्त निर्देश दिए। आयोग अध्यक्ष ने साफ किया कि अगर कोई भी आउटसोर्सिग एजेंसी श्रम कानून का पालन नहीं करती है तो उसका अनुबंध रद किया जाएगा। वहीं अगर खुद सरकारी संस्थान ऐसा करता है, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष मनहर वल्जीभाई जाला की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय सभागार में स्थानीय निकायों एवं अन्य विभागों में तैनात सफाई कर्मचारियों के लिए सरकारी योजनाओं की समीक्षा हुई। अध्यक्ष जाला ने कहा आउटसोर्स, उपनल समेत अन्य संस्थाओं के जरिये तैनात सफाई कर्मचारियों या अन्य मजदूर वर्ग के अधिकारों का हनन किया जाता है तो उनका अनुबंध रद्द किया जाएगा। उन्होंने हर हाल में सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 316 रुपये प्रतिदिन और शासनादेशानुसार जनवरी 2019 से वर्तमान तक का बढ़ा हुआ पारिश्रमिक एरियर के रूप में देने के निर्देश भी दिए। वहीं, पढे़ लिखे कर्मचारियों को लिपिक, सुपरवाईजर व सफाई निरीक्षक पदों पर पदोन्नति देने के साथ ही बढ़ा हुआ वेतन देने के आदेश दिए।

शरणार्थियों के दस्तावेज जुटाना शुरू करे प्रशासन

सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष मनहर जाला ने एडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल से दून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के बारे में पूछा तो, वह बगले झांकते दिखे। जाला ने इस पर जिला प्रशासन को जल्द से जल्द शरणार्थियों के दस्तावेज जुटाने के आदेश दिए। उन्होंने सीएए की पैरवी करते हुए जिला प्रशासन को एक्ट के दायरे में आ रहे लोगों को नागरिकता दिलाने में मदद करने के आदेश दिए।

आयोग के अध्यक्ष जाला ने सफाई कर्मचारियों को नदी किनारे से हटाकर उनके आवास निर्माण के लिए पीएमएवाइ के तहत भूखंड उपलब्ध कराने और भवन निर्माण की कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए। साथ ही मृतक आश्रितों के मामलों में तेजी लाने, कर्मचारियों को गुणवत्ता वाले सफाई उपकरण उपलब्ध कराने, ईपीएफ, ईएसआइ, अवकाश, मेडिकल चेकअप, प्रत्येक माह वेतनपर्ची उपलब्ध कराने, कर्मचारियों को बीमा, अटल आयुष्मान भारत आदि जैसी सुविधाएं देने समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश भी दिए। उन्होंने सभी निकायों से साल 2011 से अब तक कर्मचारियों के ईपीएफ की रिपोर्ट भी तलब की। गायब रहे विभागों से स्पष्टीकरण

आयोग ने बैठक में जिलाधिकारी, मुख्य नगर आयुक्त, श्रम आयुक्त, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और बैंक के अधिकारियों के उपस्थित न होने पर नाराजगी जताई। साथ ही स्पष्टीकरण भी तलब किया। महिला कर्मचारियों की ड्यूटी आठ बजे से

नगर निगम और नगर पालिकाओं में बतौर सफाई कर्मचारी काम कर रही महिलाओं की ड्यूटी सुबह आठ बजे से शुरू होगी। सफाई कर्मचारी आयोग ने इस बाबत साफ आदेश जारी किए। वहीं अस्पतालों में गंभीर बीमारी के इलाज के दौरान मृत्यु होने पर उनके स्वजनों को 10 लाख की आर्थिक क्षतिपूर्ति दिए जाने और पुलिस को उनके मामलों में तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए जिला और तहसील स्तर पर मॉनिटिरिंग कमेटी बनाने के आदेश दिए। बताया कि तीन जनवरी को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर का आयोजन किया जायेगा, जिसमें सफाई कर्मचारियों और उनके स्वजनों को शामिल किया जाएगा। बैठक में केंद्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव महेंद्र प्रसाद, सदस्य मंजु द्विवेदी, एडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव गर्ग, स्वास्थ्य अधिकारी आरके जोशी, दीपाकर घिल्डियाल, जयपाल वाल्मीकि आदि मौजूद रहे।


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