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उपभोक्ता फोरम ने कहा फर्जी ट्रांजेक्शन के लिए बैंकिंग प्रणाली की खामी जिम्मेदार

जिला उपभोक्ता फोरम ने ग्राहक के खाते से फर्जी ढंग से निकली गई रकम के लिए बैंकिंग प्रणाली की खामियों को जिम्मेदार माना है। बैंक को को तीस दिन के भीतर रकम वापसी का आदेश दिया है। इसके अलावा 20 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति भी देना होगा।

By Sumit KumarEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 07:15 AM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 07:15 AM (IST)
उपभोक्ता फोरम ने कहा फर्जी ट्रांजेक्शन के लिए बैंकिंग प्रणाली की खामी जिम्मेदार
रकम के लिए बैंकिंग प्रणाली की खामियों को जिम्मेदार माना है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: जिला उपभोक्ता फोरम ने ग्राहक के खाते से फर्जी ढंग से निकली गई रकम के लिए बैंकिंग प्रणाली की खामियों को जिम्मेदार माना है। बैंक को को तीस दिन के भीतर रकम वापसी का आदेश दिया है। इसके अलावा 20 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व 10 हजार रुपये वाद व्यय भी देना होगा। 

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गंगोत्री विहार, सेवलाकलां निवासी बादर सिंह ने स्टेट बैंक की क्लेमेनटाउन शाखा व एचडीएफसी बैंक के मैनेजर के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। परिवादी के अनुसार उनका स्टेट बैंक में बचत खाता है। जिसमें 2 फरवरी 2018 को उन्होंने अपनी चार प्रिमेच्योर एफडी बंद कराकर जमा कराई थी। अगले दिन वह धनराशि निकालने बैंक गए और रकम निकासी से पहले अपनी पासबुक अपडेट कराई। पता चला कि उनके खाते से एक दिन में अलग-अलग एटीएम ट्रांजेक्शन कर 80188.80 रुपये निकाले गए हैं। यह निकासी एचडीएफसी बैंक के एटीएम से की गई। जबकि एटीएम कार्ड उनके पास ही था और इसका कोड भी उन्होंने किसी से शेयर नहीं किया। जिस पर उन्होंने बैंक के शाखा प्रबंधक से इसकी शिकायत की। जिन्होंने बताया कि उनके एटीएम कार्ड की क्लोनिंग हो गई है और वह जल्द कस्टमर केयर से एटीएम कार्ड बंद करा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं। जिस पर उन्होंने कार्ड बंद करा थाना पटेलनगर में प्राथमिकी दर्ज कराई। कस्टमर केयर से उन्हें बताया गया कि रिकार्ड के अनुसार उनके एटीएम से पांच बार ट्रांजेक्शन हुआ है और पांचवां ट्रांजेक्शन रिवर्स हो गया है। बाकी जो विड्राल पासबुक एंट्री में दिख रहा है वह कैश एटीएम मशीन में ही फंसा होगा। बैंक में प्रार्थना पत्र देने पर उन्हें आश्वस्त किया गया कि जल्द ही जांच कर रकम उन्हें वापस दिलाई जाएगी। संबंधित एटीएम मशीन का सीसीटीवी फुटेज उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया है। स्टेट बैंक की ओर से फोरम में कहा गया कि इस संबंध में एक आपराधिक मामला चल रहा है, इसलिए फोरम को इसे सुनने का अधिकार नहीं रह जाता। उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गई। यह परिवादी का दायित्व है कि वह अपना एटीएम कार्ड सुरक्षित रखे। बिना एटीएम कार्ड व पिन कोड के कोई ट्रांजेक्शन नहीं हो सकता। एचडीएफसी बैंक का कोई प्रतिनिधि फोरम में उपस्थित नहीं हुआ।

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अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल व सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने तमाम साक्ष्य के आधार पर यह माना कि परिवादी के खाते से यह रकम बैंकिंग प्रणाली की खामियों के कारण निकाली गई है। बैंक रकम वापसी के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने आदेश दिया कि परिवादी को 80188.80 रुपये (40094.40 रुपये प्रत्येक विपक्षी) अदा करे।

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