जल्द पूरा हो सूरजकुंड-रानीताल पेयजल योजना का निर्माण
पावकी देवी विकास संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने पेयजल संसाधन विकास निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता सुधीर कुमार से मुलाकात की। समिति ने पावकी देवी के 27 राजस्व ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिए निर्माणाधीन सूरजकुंड-रानीताल पंपिग योजना का काम शीघ्र पूरा करने और निर्माण में आई खामियों को दूर करने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
पावकी देवी विकास संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने पेयजल संसाधन विकास निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता सुधीर कुमार से मुलाकात की। समिति ने पावकी देवी के 27 राजस्व ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिए निर्माणाधीन सूरजकुंड-रानीताल पंपिग योजना का काम शीघ्र पूरा करने और निर्माण में आई खामियों को दूर करने की मांग की है।
पावकी देवी विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह जेठुड़ी ने अधिशासी अभियंता को बताया कि सूरजकुंड-रानीताल पंपिग पेयजल योजना के द्वितीय चरण में पावकी देवी क्षेत्र के 27 राजस्व ग्रामों में पेयजल की आपूर्ति की जानी है। उन्होंने बताया कि योजना में अभी भी कई त्रुटियां हैं, जिनको सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने रानीताल स्थित मुख्य टैंक के संचालन के लिए यहां ऑपरेटर हेतु आवास बनाने की मांग की। ताकि जंगल में स्थित पंपिग स्टेशन का संचालन विधिवत किया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल ने रानीताल मुख्य टैंक से पावकी देवी मंदिर टैंक तक नाई, बागी व पजेगांव के लिए 50 एमएम की अलग लाइन बिछाने की मांग की। उन्होंने अवगत कराया कि पावकी देवी मंदिर से सिल्कणी, बैराई गांव, बमुंड, कखील, चमेली गांव के लिए बिछी लाइन पर जगह-जगह गेट वॉल लगे हैं, जिन्हें हटाकर प्रत्येक टैंक पर कंट्रोल वॉल लगाए जाने चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने अटल आदर्श ग्राम बेराई गांव तोक व घिगुड़ तोक के लिए 10-10 हजार लीटर क्षमता के अतिरिक्त टैंक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 से समिति इस योजना के लिए लगातार संघर्ष करती आ रही है। अगर करोड़ों की इस योजना का लाभ क्षेत्रवासियों को नहीं मिलता है तो समिति का यह आंदोलन व्यर्थ जाएगा। अधिशासी अभियंता ने प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया कि योजना को पूर्ण करने और सभी आच्छादित गांव को लाभ पहुंचाने के लिए पेयजल निगम प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण कर दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में महासचिव दयाल सिंह चौहान, बन्नी सिंह जेठुड़ी, भीमसेन व मेहरबान सिंह जेठुड़ी आदि शामिल थे।