विधानसभा का मानसून सत्र : किसानों के मुद्दे पर विपक्ष का सड़क से सदन तक हंगामा
Uttarakhand Assembly Monsoon Session विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी दल सरकार को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहता है। यही वजह है कि सुबह-सुबह कांग्रेसी ट्रैक्टर पर गन्ना लाद विधानसभा भवन की ओर निकल पड़े। जानिए इस दौरान उन्होंने कौन सी मांगों को उठाया।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Monsoon Session विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को विपक्ष ने किसानों के मुद्दे को लेकर सड़क से सदन तक हंगामा किया। कांग्रेस विधायक ट्रैक्टरों पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे और फिर सदन में हंगामा किया। विपक्ष का आरोप था कि तीनों केंद्रीय कृषि कानून किसी भी दशा में किसानों के हित में नहीं हैं। साथ ही राज्य में खेती-किसानी की तस्वीर संवारने में भी सरकार विफल रही है। हालांकि, सरकार की ओर से जवाब देते हुए कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए बेहद लाभकारी हैं। विपक्ष इन्हें लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि खेती-किसानी को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का ब्योरा भी रखा। हालांकि, विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सभी काम रोककर किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। इस पर पीठ ने इसे कार्यस्थगन की ग्राह्यता पर सुनने की व्यवस्था दी। भोजनावकाश के बाद इस विषय पर बात रखते हुए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्र की ओर से पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर देशभर के किसान आंदोलित हैं। फिर भी उनकी बात नहीं सुनी जा रही। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार ने कानून बनाए हैं तो एमएसपी को कानूनीजामा क्यों नहीं पहनाया जा रहा। उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने कहा कि कृषि कानूनों का असर उत्तराखंड के किसानों पर भी पड़ा है। विधायक काजी निजामुद्दीन, आदेश चौहान, मनोज रावत, ममता राकेश, फुरकान अहमद ने भी सरकार को घेरा।
सरकार की ओर से जवाब देते हुए कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने कृषि कानूनों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि ये कानून किसानों के हित में हैं, मगर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। कांट्रेक्ट फार्मिंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसे लेकर कहीं भी अनिवार्यता नहीं है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए सरकार खाद्यान्न खरीदती है और जरूरत के हिसाब से एमएसपी पर खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने को सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
कैबिनेट मंत्री उनियाल ने कहा कि सरकार जल्द ही फार्मर्स मशीनरी बैंक की संख्या 15 हजार करने के प्रयासों में जुटी है। प्रदेश में कृषि उत्पादों के विपणन को 1300 आउटलेट खोले जा रहे हैं। मंडुवा, झंगोरा व चौलाई की खरीद का ऐसा मैकेनिज्म बनाया गया है, जिससे किसानों को फायदा हो रहा है। जल्द ही सहकारी समितियों में भी इन उत्पादों की खरीद होगी। वन्यजीवों से फसल सुरक्षा को 300 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। सरकार का जवाब आने के बाद पीठ ने कार्यस्थगन की सूचना को अग्राह्य कर दिया।
कांग्रेस ने निकाली ट्रैक्टर रैली
किसानों के मुद्दे पर सरकार पर गंभीर न होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने ट्रैक्टर रैली भी निकाली। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, विधायक काजी निजामुद्दीन, आदेश सिंह चौहान, हरीश धामी, मनोज रावत, ममता राकेश, फुरकान अहमद रेसकोर्स स्थित विधायक हास्टल से दो ट्रैक्टरों पर सवार हो विधानसभा परिसर तक पहुंचे और नारेबाजी की। वे अपने हाथों में गन्ना भी लिए हुए थे।
जो वाहन अनुमन्य नहीं, उससे नहीं आ सकते
सदन में विधायक आदेश चौहान ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकारों के रवैये के विरोध में वह काले कपड़े पहनकर ट्रैक्टर से विधानसभा आए। इस पर पीठ ने कहा कि जो वाहन विधानसभा परिसर में अनुमन्य नहीं है, उससे नहीं आया जा सकता।
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