हाईकोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस को अब मिलेंगे दमखम वाले प्रत्याशी
राज्य में दो से ज्यादा बच्चे वालों के पंचायत चुनाव लड़ने पर लगी रोक हटने से कांग्रेस की बांछें खिल गई हैं। अब कांग्रेस नए सिरे से पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की सूची तैयार करेगी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य में दो से ज्यादा बच्चे वालों के पंचायत चुनाव लड़ने पर लगी रोक हटने से कांग्रेस की बांछें खिल गई हैं। पार्टी को सत्तारूढ़ दल भाजपा को कड़ी टक्कर देने का दमखम रखने वाले प्रत्याशियों की कमी अब नहीं खलेगी। हाईकोर्ट के फैसले से उत्साहित कांग्रेस नए सिरे से पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की सूची तैयार करेगी। इसके लिए फिर से जिला प्रभारियों व जिलाध्यक्षों के साथ विधायकों व पूर्व विधायकों से मशविरा किया जाएगा।
नए पंचायतीराज कानून में दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगने के बाद कांग्रेस को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों की तलाश में खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। इसकी बड़ी वजह पंचायतों के मौजूदा प्रतिनिधियों की बड़ी संख्या का चुनाव से बाहर होना था। दो से ज्यादा बच्चों के प्रावधान पर अब हाईकोर्ट के रोक लगाने के बाद पंचायत चुनाव के कई दिग्गजों को फिर दांव खेलने का मौका मिलने जा रहा है।
प्रदेश में मौजूदा त्रिस्तरीय पंचायतों पर कांग्रेस समर्थित जनप्रतिनिधियों का बोलबाला है। इससे पहले प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव वर्ष 2014 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए थे। तब कांग्रेस पंचायतों पर अपनी पैठ मजबूत बनाने में कामयाब रही थी।
कांग्रेस की पंचायतों पर मजबूत पकड़ को नए पंचायतीराज कानून से चुनौती मिल रही थी। कांग्रेस से जुड़े दिग्गजों के चुनाव से बाहर होने की नौबत के चलते ही प्रत्याशियों के चयन में पार्टी हिचक रही थी।
हाईकोर्ट के गुरुवार को सामने आए फैसले ने कांग्रेसी खेमे का उत्साह बढ़ा दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने बड़ी संख्या में लोगों को चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया था। अब हाईकोर्ट के आदेश से उन्हें दोबारा चुनाव लड़ने का मौका मिला है।
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इस चुनाव में पार्टी पूरा दमखम लगाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों का नए सिरे से चयन किया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रभारियों, जिलाध्यक्षों और स्थानीय विधायकों या पूर्व विधायकों के साथ जल्द मंथन किया जाएगा।