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कोरोनेशन मांग रहा नेत्र चिकित्सालय से उधार लिया सामान

कोरोनेशन व गांधी नेत्र चिकित्सालय ठन गर्इ है। दरअसल, गांधी नेत्र चिकित्सालय शुरू हुआ तो तमाम उपकरण व सामान कोरोनेशन से 'उधार' लिया गया। जिसे कोरोनेशन अब वापस मांग रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 29 Apr 2018 07:55 PM (IST)Updated: Sun, 29 Apr 2018 09:24 PM (IST)
कोरोनेशन मांग रहा नेत्र चिकित्सालय से उधार लिया सामान
कोरोनेशन मांग रहा नेत्र चिकित्सालय से उधार लिया सामान

देहरादून, [जेएनएन]: राज्य सरकार जिन दो अस्पतालों को मर्ज कर दून का जिला अस्पताल बनाने की तैयारी कर रही है, उनमें आपस में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हम बात कर रहे हैं कोरोनेशन व गांधी नेत्र चिकित्सालय की। गांधी नेत्र चिकित्सालय शुरू हुआ तो तमाम उपकरण व सामान कोरोनेशन से 'उधार' लिया गया। अब कोरोनेशन यह सामान वापस मांग रहा है। 

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पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2016 में गांधी नेत्र चिकित्सालय की शुरुआत की थी। उस वक्त व्यवस्था बनाने के लिए दून व कोरोनेशन ने नेत्र विशेषज्ञ यहां स्थानांतरित कर दिए गए। सहायक स्टाफ व तमाम उपकरण कोरोनेशन से लिए गए। या यूं कहें कि चुनावी साल में जुगाड़ पर अस्पताल शुरू कर दिया गया। हद ये कि उपकरण आदि की खरीद भी अस्पताल अभी तक नहीं कर पाया है। 

इस बीच कोरोनेशन में दो नेत्र विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं। इनमें डॉ. चिराग बहुगुणा को नई तैनाती मिली है। जबकि डॉ. जगदीश बहुगुणा टिहरी से यहां आए हैं। स्थिति यह है कि अस्पताल में सर्जन हैं पर ऑपरेशन के लिए जरूरी साजो सामान नहीं है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन अब यह चाहता है कि नेत्र चिकित्सालय उनसे उधार लिया सामान लौटा दे। लेकिन नेत्र चिकित्सालय इसके लिए राजी नहीं है। जिस पर दोनों अस्पताल के बीच ठन गई है। कोरोनेशन के सीएमएस डॉ. एलसी पुनेठा का कहना है कि यह सामान नेत्र चिकित्सालय स्थापित करने के लिए लिया गया था। तकरीबन डेढ़ साल बीत गया है और नेत्र चिकित्सालय को अब तक खुद की व्यवस्था कर लेनी चाहिए थी। उपकरण न होने से अस्पताल के काम में बाधा उत्पन्न हो रही है। 

वहीं नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरसी नागपाल का कहना है कि यह सामान उन्हें शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय के आदेश पर मिला था। ऐसे में सिर्फ अस्पताल के कहने पर इसे वापस नहीं किया जा सकता। जहां तक उपकरण खरीद की बात है, इस ओर कार्रवाई की जा रही है। 

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