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गाइनाकोलॉजी में आधुनिक उपचार, सर्जरी पर मंथन

जागरण संवाददाता, देहरादून: स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग से जुड़े मरीजों को सही उपचार और सर्जरी उप

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Apr 2018 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2018 07:40 PM (IST)
गाइनाकोलॉजी में आधुनिक उपचार, सर्जरी पर मंथन
गाइनाकोलॉजी में आधुनिक उपचार, सर्जरी पर मंथन

जागरण संवाददाता, देहरादून: स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग से जुड़े मरीजों को सही उपचार और सर्जरी उपलब्ध कराने में युवा गाइनाकॉलजिस्ट की भूमिका अहम है। ऐसे प्लेटफार्म तैयार करने होंगे, जहां इन्हें मॉर्डन तकनीकों व उपचार में पारंगत किया जा सके। यह बात एसजीआरआर कॉलेज में आयोजित नार्थ जोन युवा फॉग्सी (फेडरेशन ऑफ ऑब्सटीट्रिक्स एंड गाइनाकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया) में पहुंचे डॉक्टरों ने कही।

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ब्रीच कैंडी अस्पताल मुंबई से आए डॉ. श्रीश सेठ ने बच्चेदानी निकालने की विविध विधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पेट पर चीरा लगाकर, दूरबीन विधि से सर्जरी कर व अन्य माध्यमो से भी बच्चेदानी निकाली जा सकती है। एम्स दिल्ली की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डॉ. अलका कृपलानी ने कहा कि सिजेरियन प्रसव के दौरान कुछ मामलों में बच्चेदानी की रसौली निकालनी पड़ती है। उन्होंने डेमो के माध्यम से समझाया कि किस प्रकार बच्चेदानी की रसौली को सावधानीपूर्वक निकाला जाता है। फॉग्सी के अध्यक्ष डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने गुड, बेटर एंड बेस्ट इन सर्जरी विषय पर बोलते हुए युवा डॉक्टरों से आह्वान किया कि वह निरंतर अपनी सर्जरी स्किल को अपडेट करते रहें। गाइनाकोलॉजिस्ट माताओं को स्तनपान के लिए प्रेरित करें। फॉग्सी के सचिव डॉ. जयदीप टैंक ने युवा फॉग्सी के संविधान व क्रियाकलापों की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान एसजीआरआर विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार मेहता, फॉग्सी दून शाखा की अध्यक्ष डॉ. लूना पंत, आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. प्रतिमा मित्तल, आयोजन सचिव डॉ. विनीता गुप्ता व कॉन्फ्रेंस समन्वयक डॉ. अर्चना बत्ता आदि उपस्थित रहे।

बच्चेदानी निकालना अंतिम विकल्प

कॉन्फ्रेंस में पब्लिक फोरम का आयोजन किया गया। इसमें आम जनता, शिक्षक, छात्र-छात्राओं व आशाओं ने विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया। डॉक्टरों ने कहा कि बच्चेदानी निकालना अंतिम विकल्प होना चाहिए। मॉडर्न मेडिकल साइंस में कई ऐसी आधुनिक तकनीक हैं, जिनका इस्तेमाल कर ऐसे मामलों को बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने आशाओं का आह्वान किया कि वह इस बारे में जन जागरूकता फैलाने में सहयोग करें।

क्विज में दिखाया हुनर: कार्यक्रम में क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। सर्जिकल स्किल्स विषय पर आधारित क्विज में 2010 के बाद एमबीबीएस पासआउट डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। विजेता टीम 2019 में बेंग्लुरु में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लेगी।


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