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विरोध के बीच गरजती रही जेसीबी, 424 अतिक्रमण ध्वस्त

अतिक्रमण हटाओ अभियान के तीसरे दिन भी प्रशासन की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। हालाकि पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन की टीम निरंतर आगे बढ़ती रही।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 08:30 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 05:11 AM (IST)
विरोध के बीच गरजती रही जेसीबी, 424 अतिक्रमण ध्वस्त
विरोध के बीच गरजती रही जेसीबी, 424 अतिक्रमण ध्वस्त

जागरण संवाददाता, देहरादून: अतिक्रमण हटाओ अभियान के तीसरे दिन भी प्रशासन की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। हालाकि, पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन की टीम निरंतर आगे बढ़ती रही। दिनभर जारी रही कार्रवाई में कर्जन रोड, डीएल रोड व कौलागढ़ क्षेत्र से 424 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। इस दौरान टीम ने सड़कों के दोनों तरफ तीन मीटर तक के हिस्से की खाली कराया। इस संख्या में पलटन बाजार क्षेत्र के 202 वह अतिक्रमण भी शामिल हैं, जो कारोबारियों ने स्वयं तोड़े।

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गुरुवार सुबह दो टीमों ने कर्जन रोड और कौलागढ़ क्षेत्र से अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया। कर्जन रोड की जिम्मेदारी उपजिलाधिकारी कालसी संगीता कन्नौजिया, उपजिलाधिकारी मसूरी मनीष कुमार, जबकि कौलागढ़ रोड पर सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने मोर्चा संभाला। कर्जन रोड पर सर्वाधिक 93 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। यहा पर सड़क पर बनाए गए एक धार्मिक स्थल को भी हटाया गया। वहीं दून इंटरनेशनल स्कूल की दोनों तरफ की चहारदीवारी को तोड़कर दो से तीन मीटर भाग खाली कराया गया। इस दौरान स्कूल प्रशासन ने कार्रवाई को लेकर विरोध भी किया, मगर टीम ने एक नहीं सुनी। इस दौरान कई आलीशान इमारतों की चहारदीवारी भी विरोध के बीच ढहा दी गई। अधिकारियों ने साफ किया कि दो साल तक अवसर देने के बाद अब उनकी एक नहीं सुनी जाएगी। इसके बाद यहा की टीम ने डीएल रोड का रुख किया। यहा शाम तक 55 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए और शुक्रवार को भी यहा अभियान चलाया जाएगा। अभी इस क्षेत्र में 60 के करीब और अतिक्रमण चिह्नित हैं। उधर, कौलागढ़ क्षेत्र में सुबह अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू करने के बाद दोपहर को फिर से शुरू किया गया। सुबह कुछ व्यक्तियों के विरोध के बाद उन्हें दस्तावेज लाने का समय दिया गया। जब सभी बातों का समाधान हो गया तो दोबारा अभियान शुरू कर शाम करीब छह बजे तक 52 अतिक्रमण तोड़े गए। हालाकि, अभियान को लेकर स्थानीय निवासियों ने पक्षपात का भी आरोप लगाया। क्योंकि, एक ही सड़क पर 10 फीट आगे तक का निर्माण महफूज रखा गया, जबकि इसके पीछे के निर्माण को तोड़ दिया गया। शुक्रवार को यहा चलेगा अभियान

टास्क फोर्स के अध्यक्ष नगर आयुक्त विनय शकर पाडेय ने बताया कि शुक्रवार को दो टीमें डीएल रोड क्षेत्र में कार्रवाई करेंगी और इसके बाद पलटन बाजार क्षेत्र का रुख किया जाएगा। वहीं, एक टीम कावली रोड, जीएमएस रोड व शिमला बाईपास रोड पर चिह्नित किए गए अतिक्रमण को तोड़ेगी। कई बीघा में बंगला और सरकारी सड़क छोड़ने से भी परहेज

- कर्जन रोड पर आलीशान इमारत वाले व्यक्ति भी अतिक्रमणकारी

जागरण संवाददाता, देहरादून: जिन व्यक्तियों का बंगला कई बीघा में बना है, यदि वह भी सरकारी सड़क की जमीन पर कब्जा कर बैठ जाएं तो इसे क्या कहेंगे। गंभीर यह कि गरीब अतिक्रमणकारियों पर आखें तरेरने वाला सिस्टम भी अमीरों के अतिक्रमण को नजरंदाज कर देता है। वह तो भला हो हाईकोर्ट का, जो अब हर तरह के अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाने लगी है। कर्जन रोड पर किए गए अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई तो पता चला कि आज तक सिस्टम किस तरह सड़क घेरे जाने के बाद भी अनजान बना बैठा था।

कर्जन रोड पर प्रशासन की टीम ने गुरुवार को 90 से अधिक अतिक्रमण ढहाए। इक्का-दुक्का को छोड़ दें तो सभी के पास कई बीघा भूमि है। फिर भी ये लोग सरकारी सड़क को घेरकर बैठे थे। प्रशासन करीब दो साल पहले ही इनके अतिक्रमण पर लाल निशान लगा चुका था, मगर इसके बाद भी यहा के निवासियों ने अतिक्रमण को स्वयं ध्वस्त करने की जहमत नहीं उठाई। यदि हाईकोर्ट दखल न देता तो अधिकारी चुपचाप ही बैठे रहते। कई लाल निशान तो पेंट करके मिटा भी दिए गए थे। यहां पूरी सड़क पर महज एक भवन ऐसा दिखा, जिसके मालिक ने स्वयं अपनी चहारदीवारी पीछे की थी, जो अतिक्रमण इस रोड से हटाए भी गए, उनके लिए भी अधिकारियों को काफी पापड़ बेलने पड़े। पड़ोसियों की न सुनते तो यह नौबत न आती

कर्जन रोड पर चले अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान कुछ लोग ऐसे भी थे, जो मान रहे थे कि उन्होंने निशान लगने के बाद ही अतिक्रमण ध्वस्त न कर गलती की। क्योंकि सरकारी जेसीबी से अतिक्रमण हटाए जाने पर नुकसान भी अधिक हो गया।

कर्जन रोड निवासी गरिमा ने बताया कि अतिक्रमण की इजाजत किसी की नहीं मिलनी चाहिए। करीब दो साल पहले जब उनकी चहारदीवारी पर लाल निशान लगा तो वह तभी उसे पीछे करने के पक्ष में थे। मगर, आसपास के व्यक्तियों ने कहा कि अब कुछ नहीं होने वाला। उन्हें एकता दिखानी चाहिए। जब कोई स्वयं अपनी चहारदीवारी पीछे नहीं कर रहा है तो उन्हें क्या पड़ी है। यदि उन्होंने अपने स्तर पर दीवार पीछे की तो कोई उनसे मतलब नहीं रखेगा। अब गरिमा के घर की चहारदीवारी टूट गई है। इस झटके से गेट पर भी क्रैक आ गया। हालाकि, वह खुश भी हैं कि सड़क घेरने की किसी को भी इजाजत नहीं होनी चाहिए। वह इस बात से भी खुश हैं जो कर्जन रोड के जो लोग देख लेने की बात कर रहे थे, उनकी सिस्टम के आगे एक नहीं चली।


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