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विभागीय योजना में शामिल होगी पलायन आयोग की संस्तुतियां

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा प्रदेश में पलायन रोकने के लिए की गई संस्तुतियों को विभागीय योजनाओं में शामिल किया जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 05:17 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 05:17 PM (IST)
विभागीय योजना में शामिल होगी पलायन आयोग की संस्तुतियां

देहरादून, राज्य ब्यूरो। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा प्रदेश में पलायन रोकने के लिए की गई संस्तुतियों को विभागीय योजनाओं में शामिल किया जाएगा। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने पलायन को लेकर विभागों द्वारा उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा करते हुए सभी को इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अल्मोड़ा व पौड़ी में पलायन की गति अन्य जिलों से अपेक्षाकृत अधिक है। नीति आयोग भी ग्रामीण पलायन रोकने के प्रयासों व भावी रणनीति को लेकर प्रदेश सरकार के साथ बैठक करेगा।

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 मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रदेश में पलायन रोकने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप ही विभाग अपनी आगामी कार्ययोजना बनाएं। प्रदेश सरकार भी पलायन रोकने के लिए दक्ष मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में कदम उठा रही है। इसके लिए पर्वतीय जनपदों में 62 ग्रोथ सेंटर स्थापित किए गए हैं।

आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने बताया कि आयोग की टीम ने सभी जनपदों का दौरा कर ग्राम्य विकास व पलायन के विभिन्न पहलुओं पर ग्रामीणों की राय ली। इस दौरान यह बात सामने आई की कृषि को बढ़ावा देकर पलायन रोका जा सकता है। इसके साथ ही कृषि उत्पादों की मार्केटिंग तथा सिंचाई सुविधाएं बढ़ाकर युवाओं का रुझान भी कृषि के प्रति बढ़ाया जा सकता है। बताया गया कि प्रदेश में अल्मोड़ा व पौड़ी में अपेक्षाकृत अधिक पलायन हुआ है। अन्य राज्यों में भी गांवों से आसपास के कस्बों की ओर पलायन हुआ है।

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सचिव वित्त अमित नेगी ने बताया कि शीघ्र ही नीति आयोग प्रदेश में पलायन को लेकर बैठक करेगा। इसके लिए नियोजन विभाग द्वारा पलायन रोकने की संभावित कार्ययोजना एवं संभावित प्रयासों के बारे में विवरण उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक में विशेष कार्यधिकारी मुख्यमंत्री नरेंद्र सिंह व प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार आदि उपस्थित थे।

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