मीटू पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज
उत्तराखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने शनिवार को मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए।
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती ने आखिरकार शनिवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करा दिए। अब संजय कुमार को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा। साथ ही विवेचक पीड़िता के साथ घटनास्थल का निरीक्षण भी करेंगी।
भाजपा नेता संजय कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद पांच जनवरी को सियासी गलियारे में हलचल तब और बढ़ गई जब पीड़िता ने जांच अधिकारी तत्कालीन एसपी ग्रामीण सरिता डोबाल के समक्ष बयान दर्ज कराए। इसी दिन देर रात को संजय कुमार के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया था। मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते महिला हेल्पलाइन की प्रभारी ज्योति चौहान को विवेचना सौंपी गई। इसके तीन दिन बाद यानी आठ जनवरी को पीड़िता ने विवेचक के समक्ष बयान दर्ज कराए। कानूनी पहलू से बयान को मजबूती देने के लिए दोबारा मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने की जरूरत थी, लेकिन पीड़िता यह कह कर आने में टालमटोल करती रही कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। हालांकि विवेचना आगे बढ़ाने के लिए मजिस्ट्रेटी बयान की बाध्यता भी नहीं थी, लेकिन फिर भी पुलिस का प्रयास था कि पीड़िता कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए। ऐसे में दस दिन बाद शनिवार को पीड़िता अचानक देहरादून पहुंची और विवेचक से संपर्क कर मजिस्ट्रेटी बयान के लिए खुद को तैयार बताया। इसके बाद अभिलेखीय औपचारिकता पूर्ण कराने के बाद विवेचक उसे लेकर कोर्ट पहुंचीं, जहां उसके बयान दर्ज किए गए। यह है मामला
करीब दो महीने पहले एक युवती ने भाजपा के पूर्व महामंत्री संगठन संजय कुमार पर फोन पर अश्लील बात करने और शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी पर लगे इन आरोपो से सियासी हलके में तूफान खड़ा हो गया और आनन-फानन में संजय कुमार को पद से हटा दिया गया। युवती की ओर से इस मामले में एसएसपी निवेदिता कुकरेती को ई-मेल के जरिये तहरीर भेजी गई थी। जिसे संज्ञान में लेकर एसएसपी ने एसपी ग्रामीण को जांच सौंपी थी।